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भजन: बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो – Bhajan: Balaji Mhare Aanganiye Padharo – Bhajan: Balaji Mhare Aanganiye Padharo – Hinduism FAQ

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मुख्य बिंदु

  • – बालाजी की आराधना और उनके आंगन में स्वागत का भाव व्यक्त किया गया है।
  • – बालाजी के लाल लंगोटा और हाथ में घोटो की विशेषता का वर्णन है।
  • – चैत्र सुदी पूर्णिमा को होने वाले मेले में भक्तों की अपार भीड़ का उल्लेख है।
  • – बालाजी की महिमा घर-घर जगाने और उनकी पूजा-अर्चना करने की बात कही गई है।
  • – शनिवार के दिन बालाजी को घृत और सिंदूर चढ़ाने की परंपरा का वर्णन है।
  • – भक्तों द्वारा बालाजी की स्तुति और श्रद्धा के साथ उनके चरणों में शीश झुकाने का भाव व्यक्त किया गया है।

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भजन के बोल

बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो,
थारे भक्ता ने दरश दिखाओ,
म्हारा सालासर धणी ॥
बालाजी थारे लाल लंगोटा सोहे,
थारे हाथ में घोटो सोहे,
म्हारा सालासर धणी ॥
चैत्र सुदी पूनम को मेलो भारी,
आवे है भगत अपार,
म्हारा सालासर धणी ॥
बालाजी थारी घर घर जोत जगावा,
थारी महिमा गाए सुनवा,
म्हारा सालासर धणी ॥
बालाजी थने घृत सिंदूर चढ़ावा,
कोई मंगल शनिवार,
म्हारा सालासर धणी ॥
‘अलबेला’ थारी महिमा गा सुनावे,
‘इलू’ चरणा में शीश झुकावे,
म्हारा सालासर धणी ॥
बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो,
थारे भक्ता ने दरश दिखाओ,
म्हारा सालासर धणी ॥

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