मुख्य बिंदु
- – यह भजन बांके बिहारी लाल की महिमा और उनकी जयकार करता है।
- – भजन में बांके बिहारी को भक्तों के रक्षक और दुखों के निवारक के रूप में पूजा गया है।
- – चारों वेद भी उनकी स्तुति करते हैं, पर केवल उनकी कृपा से ही पारलौकिक सुख प्राप्त होता है।
- – भजन में भक्तों की विनती है कि वे उन्हें भवसागर से पार लगाने में मदद करें।
- – दुनिया के स्वार्थी लोगों से भिन्न होकर, भक्त बांके बिहारी से सहायता और आशीर्वाद मांगते हैं।
- – पूरे भजन में बार-बार “तेरी जय होवे” का जाप कर उनकी महिमा का गुणगान किया गया है।

भजन के बोल
बांके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे,
भक्तन के रखपाल,
तेरी जय होवे,
जय होवे तेरी जय होवे,
जय होवे तेरी जय होवे,
बाँके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे ॥
चारों वेद तेरा जस गावे,
नेती नेती सदा पुकारे,
फिर भी ना पावे पार,
तेरी जय होवे,
बाँके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे ॥
दुःख संकट के तुम रखवारे,
भक्तन की आँखों के तारे,
दूर करो अंधकार,
तेरी जय होवे,
बाँके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे ॥
हम दुखियारे द्वार तिहारे,
रेन दिना यह विनय पुकारे,
करे भव सागर से पार,
तेरी जय होवे,
बाँके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे ॥
हम पागल है दुनिया वाले,
स्वार्थ के है सब मतवाले,
अब तो आकर थाम,
तेरी जय होवे,
बाँके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे ॥
बांके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे,
भक्तन के रखपाल,
तेरी जय होवे,
जय होवे तेरी जय होवे,
जय होवे तेरी जय होवे,
बाँके बिहारी लाल,
तेरी जय होवे ॥
