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मुख्य बिंदु
- – बंसी और मुरली की मधुर धुन ने सभी का मन मोह लिया है और चित को दिवाना बना दिया है।
- – ग्वालियों की टोली इस संगीत की मस्ती में झूम उठी है।
- – पूर्णिमा की रातों में धरती दुल्हन की तरह सज गई है और यमुना की धारा आनंदित हो उठी है।
- – ललिता, विशाखा, राधा-माधव सहित सभी नृत्य में मग्न हैं, जिससे माहौल और भी जीवंत हो गया है।
- – बंसी वाले की बांसुरी की कला और मुरली की मधुरता सभी के दिलों को छू गई है।

भजन के बोल
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥
बंसी बजाकर के चित को चुरावे,
चित को चुराकर दीवाना बनावे,
ये ग्वालियो की टोली धमाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥
पूनम की रतियाँ झमाझम पानी,
दुल्हन सी सज गई है धरती सुहानी,
यमुना की धारा निहाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥
ललिता भी नाचे विशाखा भी नाचे ,
सखियों के बीच राधा माधव भी नाचे,
‘नंदू’ ये मस्ती निहाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
