मुख्य बिंदु
- – गीत में श्याम (भगवान कृष्ण) को देखने की गहरी इच्छा और भक्ति व्यक्त की गई है।
- – श्याम के सुंदर और दिव्य स्वरूप का वर्णन किया गया है, जैसे सिर मुकुट, तिलक, मोतियों की माला, बाली, मुरली आदि।
- – भक्ति में दिन-रात, सुबह-शाम, हर परिस्थिति में श्याम को देखने की तमन्ना जताई गई है।
- – नंदलाला और गोपाला के रूप में श्याम की पूजा और कीर्तन का उल्लेख है।
- – कमल (भगवान कृष्ण) से सौगात की कामना की गई है कि उनकी नजरें केवल श्याम की ओर ही रहें।
- – समग्र रूप से यह गीत भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम, भक्ति और समर्पण की भावना को दर्शाता है।

भजन के बोल
बस इतनी तमन्ना है,
बस इतनी तमन्ना है,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
सिर मुकुट सुहाना हो,
माथे तिलक निराला हो,
गल मोतियन माला हो,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
कानो में हो बाली,
लटके लट घुंघराली,
तेरे अधर पे मुरली हो,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
बाजू बंद बाहों पे,
पैजनियाँ पाओं में,
होठों पे हसी कुछ हो,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
दिन हो या अँधेरा हो,
चाहे शाम सवेरा हो,
सोऊँ तो सपनो में,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
चाहे घर हो नंदलाला,
कीर्तन हो गोपाला,
हर जग के नज़ारे में,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
कहता है कमल ऐ किशन,
सौगात मुझे यह दे,
जिस और नज़र फेरूँ,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
बस इतनी तमन्ना हैं,
बस इतनी तमन्ना हैं,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥
