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मुख्य बिंदु
- – यह गीत माँ के प्रति गहरा श्रद्धा और विश्वास व्यक्त करता है, जहाँ माँ को जीवन की नैया का खिवैया बताया गया है।
- – कठिनाइयों और तूफानों के बीच भी माँ ही सहारा और भरोसे का स्रोत है।
- – गीत में बताया गया है कि जब भक्त संकट में होता है, तो माँ तुरंत उसकी सहायता के लिए आती है।
- – माँ की दया और ममता को अत्यंत महत्वपूर्ण और जीवनदायिनी बताया गया है।
- – यह गीत भक्ति और आश्रय की भावना को सुंदर तरीके से प्रस्तुत करता है।

भजन के बोल
बीच भंवर में फसी मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
तेरा ही भरोसा माँ,
तेरा ही सहारा,
तुम्ही को पुकारा माँ,
तुम्ही को पुकारा,
तेरे ही भरोसे पे,
चले मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
बडी तेज आंधी,
तूफानों ने घेरा,
बता कुन है मेरा माँ,
यहाँ कुन है मेरा,
खड़ी क्या हुई के,
चली आ तू मैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
सुनी जब भगत की,
झट दौड़ी आई,
पतवार हाथों ले,
किनारे लगाई,
बडी ही दयालु है,
‘प्रवीण’ मेरी मैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
बीच भंवर में फसी मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
