मुख्य बिंदु
- – यह गीत भगवान श्रीराम की करुणा, कृपा और दया को दर्शाता है, जो सभी दुखियों और शरणागतों पर बरसती है।
- – सुदामा, विभीषण, जटायु, द्रुपद की पुत्री और विदुर जैसे पात्रों के माध्यम से उनकी महानता और करामातों का वर्णन किया गया है।
- – भगवान के चरणों की रज को करामात बताया गया है, जो पापियों को पावन और पतितों को उद्धार करती है।
- – गीत में बताया गया है कि प्रभु कैसे दुखियों की आहें सुनते हैं और उन्हें सहारा देते हैं।
- – क्षमा और शीलता भगवान की विशेषताएं हैं, जो उनके हृदय की गहराई और प्रेम को दर्शाती हैं।
- – समग्र रूप से यह गीत भगवान की महानता, दया और मानवता की भावना को उजागर करता है।

भजन के बोल
भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा
जाकर सुदामा भिखारी से पूछो
है करामात क्या उनके चरणों की रज
जाकर के गौतम की नारी से पूछो
कृपा कितनी करते हैं शरणागतों पे
कृपा कितनी करते हैं शरणागतों पे
बता सकते हैं यदि, बता सकते हैं यदि
बता सकते हैं यदि, मिलेंगे विभीषण
पतितों को पावन, वो कैसे बनाते
जटायु सरिस, माँसाहारी से पूछो
है करामात क्या उनके चरणों की रज
जाकर के गौतम की नारी से पूछो
प्रभु कैसे सुनते हैं, दुखियों की आहें
तुम्हें ज्ञात हो राजा, बलि की कहानी
निराधार का कौन, आधार है जग में
ये प्रश्न द्रुपद दुलारी से पूछो
है करामात क्या उनके चरणों की रज
जाकर के गौतम की नारी से पूछो
छ्मा शीलता उनमें, कितनी भरी है
बताएँगे भृगुजी, वो सब जानते हैं
हृदय उनका भावों का, है कितना भूंखा
विदुर सबरी से, बारी बारी से पूछो
है करामात क्या उनके चरणों की रज
जाकर के गौतम की नारी से पूछो
