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मुख्य बिंदु
- – यह गीत भगवान भोलेनाथ (शिव) की भक्ति और समर्पण की भावना को प्रकट करता है।
- – भस्म बनकर, शिव के चरणों की धूल बनकर पूरी तरह उनकी सेवा में लीन होने की इच्छा व्यक्त की गई है।
- – हर समय शिव के गुणों का गुणगान करने और उनकी भक्ति में रम जाने की अभिलाषा व्यक्त की गई है।
- – जीवन को पूरी तरह शिव को समर्पित करने और उनके नाम का जाप निरंतर करने की प्रेरणा दी गई है।
- – यह भक्ति गीत शिव के प्रति पूर्ण निष्ठा, प्रेम और आत्मसमर्पण का प्रतीक है।

भजन के बोल
भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ,
शाम सुबह गुण तेरा,
गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
जब जब तू भंगिया को,
हाथ से लगाए,
प्याले के रूप में तू,
मुझको ही पाए,
जैसा तू ढाले,
ढल जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
खोया रहूं भोले,
सेवा में तेरी,
अंतिम यही है,
अभिलाषा शिव मेरी,
धूल तेरे पग की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
कर दूँ ये जीवन,
मैं तुझको समर्पण,
तेरा दिया कर दूँ,
तुझको ही अर्पण,
नाम तेरा हर पल,
मैं गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ,
शाम सुबह गुण तेरा,
गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
