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मुख्य बिंदु
- – महाकाल को कालों के काल और मृत्यु के राजा के रूप में पूजा जाता है।
- – उज्जैन में महाकाल का विशेष स्थान है, जहां भक्त उनके दर्शन और भस्मी आरती के लिए आते हैं।
- – भस्मी आरती महाकाल की अनोखी पूजा है, जिसमें मुर्दे की राख का उपयोग होता है।
- – भक्तों की इच्छा होती है कि वे महाकाल के चरणों में रहें और उनकी महिमा सबको सुनाएं।
- – महाकाल के प्रति भक्तों का प्रेम और भक्ति अत्यंत गहरा और समर्पित है।

भजन के बोल
कालो के काल है,
मृत्यु के है वो राजा,
भस्मी लगाएं बाबा,
उज्जैन के वो राजा ॥
दीदार करना चाहूं,
दर्शन को प्यासी अखियां,
चरणों में रहना चाहूं,
बस दिल की एक आशा,
उज्जैन में भी आऊ,
दर्शन भी करना चाहूं,
महाकाल की वो महिमा,
सबको सुनाना चाहूं ॥
मेरे दिल की एक आशा,
तेरे दर पे मरना चाहूं,
मरने के बाद भोले,
भस्मी तुम्हें लगाऊं,
उज्जैन में भी आऊ,
दर्शन भी करना चाहूं,
महाकाल की वो महिमा,
सबको सुनाना चाहूं ॥
महाकाल तुमको प्यारी,
वह भस्म आरती है,
मुर्दे की राख से ही,
वह होती आरती है,
‘सत्यम’ को वर दे बाबा,
बस दिल से तुझको चाहूँ,
महाकाल भस्म आरती,
मैं भी तो करना चाहूँ ॥
कालो के काल है,
मृत्यु के है वो राजा,
भस्मी लगाएं बाबा,
उज्जैन के वो राजा ॥
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
