मुख्य बिंदु
- – यह कविता भोलेनाथ (शिव जी) से प्रार्थना है कि मृत्यु से पहले उन्हें ऐसी चिलम पिलाई जाए जिससे वे सीधे स्वर्ग पहुंच सकें।
- – जीवन में हुई गलतियों और पापों को छुपाकर, मृत्यु के बाद उनका कोई पता न चले, ऐसी विनती की गई है।
- – शमशान घाट तक जाते समय अर्थी के साथ सत्कर्मों की आग जलाई जाए जिससे सभी बुराइयाँ समाप्त हो जाएं।
- – चिता सजाने के लिए चंदन या गंगा जल की आवश्यकता नहीं, बल्कि भोलेनाथ की भस्म से चिता को आच्छादित करने की इच्छा व्यक्त की गई है।
- – मोह-माया और लोभ से मुक्त करने वाली चिलम की प्रार्थना की गई है, जिससे आत्मा को मुक्ति और परम आनंद प्राप्त हो सके।
- – अंत में, भोलेनाथ से ऐसी कृपा की कामना है कि मृत्यु के बाद सीधे स्वर्ग में पहुंचने का वरदान मिले।

भजन के बोल
भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,
ऐसी चिलम पिला देना,
पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,
ऐसी दम लगवा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
खोटे काम अगर गलती से,
हो गए होंगे जीवन में,
जाने अनजाने में अगर कुछ,
पाप उठे होंगे मन में,
पाप ये कोई देख ना पाए,
पाप ये कोई देख ना पाए,
मुंह पर कफ़न ओढ़ा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
घर से जब शमशान घाट तक,
अर्थी लेकर लोग चले,
दो हंडी में औघड़दानी,
सत्कर्मो की आग जले,
मिट जाए हर एक बुराई,
मिट जाए हर एक बुराई,
ऐसा धुआँ उठा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
चन्दन की लकड़ी चाहे,
मेरी चिता सजाओ ना,
भव सागर से तर जाएंगे,
गंगा जल भी पिलाओ ना,
हे महाकाल चिता पर मेरी,
हे महाकाल चिता पर मेरी,
अपनी भस्म ओढ़ा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
मुक्ति की वो चिलम हो भोले,
मोह माया का गांजा हो,
जिसके धुंए से लोभी मन को,
हमने बढ़िया मांजा हो,
परम धन्य हो जाऊं निरंजन,
परम धन्य हो जाऊं निरंजन,
ऐसी कृपा बरसा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,
ऐसी चिलम पिला देना,
पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,
ऐसी दम लगवा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
