मुख्य बिंदु
- – भूतनाथ के द्वार पर शीष झुकाने वाले की सभी चिंताएँ और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं।
- – जो जीवन की ठोकरों से हार चुका होता है, वह भूतनाथ के दर पर आकर फिर से मजबूत और आशावान बन जाता है।
- – भूतनाथ एक अनोखे देव हैं, जो उम्मीदों और आशाओं को कभी टूटने नहीं देते।
- – शिव बम भोला सरल और दयालु हैं, जो सबकी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं और तीनों लोकों के मालिक होते हुए भी वैरागी हैं।
- – गुरु महिपाल जी की श्रद्धा और भक्ति से इस दर की अलख ज्योति जग में प्रज्वलित हुई है, जो आने वाले को भाग्यशाली बनाती है।
- – भूतनाथ के दरबार में आना और शीष झुकाना जीवन में सुख, शांति और समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है।

भजन के बोल
भूतनाथ के द्वार पे जो भी,
अपना शीष झुका देता है,
चिंताओं की सारी लक़ीरें,
चिंताओं की सारी लक़ीरें,
बाबा भूतनाथ मिटा देता है ॥
जमाने की ठोकरें,
जो खाकर के हारा,
वो इस दर पे आकर,
ना रहता बेचारा,
भूतनाथ से बढ़के ना कोई,
देव है अलबेला,
कोई देव है अलबेला,
उम्मीदों को आशाओं को,
उम्मीदों को आशाओं को,
बाबा टूटने ही नहीं देता है,
बाबा टूटने ही नहीं देता है ॥
मेरा शिव बम भोला,
बड़ा ही है भोला,
जो मांगो सब देता,
ऐसा है मस्त मौला,
मालिक तीनों लोकों का है,
फिर भी है बैरागी,
भोले फिर भी है बैरागी,
रखता चिता की राख़ स्वयं ये,
रखता चिता की राख़ स्वयं ये,
बाकी सबकुछ.ही लुटा देता है,
बाकी सबकुछ.ही लुटा देता है ॥
गुरू महिपाल जी की,
श्रद्धा और भक्ति ने,
जगाई इस दर की,
अलख ज्योति जग में,
कोटि कोटि नमन करूँ,
महिपाल गुरू जी को,
महिपाल गुरू जी को,
इस दरबार में.आने वाला,
इस दरबार में.आने वाला,
खुद को भाग्यशाली बना लेता है,
खुद को भाग्यशाली बना लेता है ॥
भूतनाथ के द्वार पे जो भी,
अपना शीष झुका देता है,
चिंताओं की सारी लक़ीरें,
चिंताओं की सारी लक़ीरें,
बाबा भूतनाथ मिटा देता है ॥
