मुख्य बिंदु
- – दोहा में भगवान कृष्ण के बचपन और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन है।
- – कृष्ण को नन्द का लाला कहा गया है, जो गोपाल अर्थात चरवाहा थे।
- – दोहा में कृष्ण के जन्मस्थान को लेकर विरोधाभास दिखाया गया है, जहाँ कुछ कहते हैं कि वे जेल में जन्मे और कुछ कहते हैं कि वे गोकुल में जन्मे।
- – कृष्ण के पिता वासुदेव और नन्दबाबा, तथा माता देवकी और यशोदा के बीच भेद दर्शाया गया है।
- – कृष्ण के माखन चोरी करने और दही प्रेम की बातें दोहे में उल्लिखित हैं।
- – कृष्ण की भक्ति, राधा और गोपियों के प्रति प्रेम को भी दोहे में प्रमुखता दी गई है।

भजन के बोल
॥ दोहा ॥
वा रे लाला नन्द का,
तूने जनम चराई ढोर,
प्रीत कदे जाणी नहीं,
तूने खायो माखन चोर ॥
बोल कन्हैया बोल
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो,
ना रे ना मे तो ,
गोकुल में जन्मियो,
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो,
बोल कन्हैया बोल ॥
थारा पिता वासुदेव जी,
ना रे ना म्हारा ,
पिता नंदबाबा।
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो ॥
बोल कन्हैया बोल ,
थारी माता है देवकी,
ना रे ना म्हारी ,
माता है यशोदा ॥
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो,
बोल कन्हैया बोल ,
थाने दही प्यारो लागे ॥
ना रे ना म्हाने ,
माखन प्यारो लागे,
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो ॥
बोल कन्हैया बोल ,
थाने राधा प्यारी लागे,
ना रे ना म्हाने ,
गोपिया प्यारी लागे ॥
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो ॥
बोल कन्हैया बोल ,
थाने भक्त प्यारा लागे,
हां रे हां म्हाने ,
भक्त प्यारा लागे ॥
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो,
ना रे ना मे तो ,
गोकुल में जन्मियो,
बोल कन्हैया बोल तु तो ,
जेल में जन्मियो ॥
