मुख्य बिंदु
- – गीत में मुरारी (कृष्ण) के प्रेम और उनके आगमन की बात की गई है।
- – राधा के प्रेम और भक्ति को प्रमुखता से दर्शाया गया है।
- – वृंदावन और यशोदा के घर में कृष्ण के खेल और उनके बाल्यकाल का वर्णन है।
- – प्रेम और भक्ति के पावन धागों से इस जगत का पालनहार बंधा हुआ है।
- – गीत में राधे-राधे का जाप करते हुए कृष्ण के प्रेम में डूबने का संदेश है।

भजन के बोल
पूछते हो कैसे
पूछते हो कैसे
चले आएँगे मुरारी
कौनसी सुनाए धुन
लगे उन्हे प्यारी
बोल राधे, बोल राधे
चले आएँगे मुरारी
बोल राधे
बोल राधे, बोल राधे
चले आएँगे मुरारी
बोल राधे
पूछते हो कैसे
चले आएँगे मुरारी
कौनसी सुनाए धुन
लगे उन्हे प्यारी
बोल राधे, बोल राधे
चले आएँगे मुरारी
बोल राधे
कण कण में बसे गोपाला
वृंदावन का नंदलाला
राधा के प्रेम में, बाँधा है
इस जग का पालनहारा
पावन प्रेम के धागे
पावन प्रेम के धागे
बोल राधे, बोल राधे
चले आएँगे मुरारी
बोल राधे
बोल राधे, बोल राधे
चले आएँगे मुरारी
बोल राधे
यशोदा माँ के घर में
है श्यामसुंदर का बसेरा
यशोदा मैया के आँगन में
खेले कृष्ण-कन्हैया
यशोदा माँ के घर में
है श्यामसुंदर का बसेरा
बरसाने की गलियो में
राधा के प्रेम का डेरा
लगन प्रीत की है लगी
कान्हा जो प्रेम में भागे
बोल राधे, बोल राधे
चले आएँगे मुरारी
बोल राधे
