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भजन: बोलो हर हर हर, फिल्म शिवाय – Bhajan: Bolo Har Har Har From Shivaay Movie – Bhajan: Bolo Har Har Har, Film Shivaay – Bhajan: Bolo Har Har Har From Shivaay Movie – Hinduism FAQ

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मुख्य बिंदु

  • – यह गीत भगवान शिव की महिमा और उनकी अनंत शक्ति का बखान करता है, जो जगत का पहला और अंतिम पहलू हैं।
  • – शिव को मृत्युंजय, महाविनाशी, और ओमकार के रूप में वर्णित किया गया है, जो सभी लोकों के स्वामी हैं।
  • – शिव की त्रिनेत्र (तीसरी आँख) से जब प्रकट होती है, तो धरती और स्वर्ग भी हिल उठते हैं, जिससे उनकी विराट शक्ति का पता चलता है।
  • – गीत में शिव की जटाओं में गंगा, चंद्रमुकुट, और उनके तांडव व ध्यान दोनों रूपों का उल्लेख है, जो उनके विविध स्वरूपों को दर्शाता है।
  • – शिव को जीवन और मृत्यु दोनों का स्वामी बताया गया है, जो अज्ञान को ज्ञान में बदलने वाले और समस्त ब्रह्मांड के आधार हैं।
  • – अंत में शिव की आराधना और उनके कैलाश धाम की महिमा का गुणगान करते हुए विनाश और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया का संकेत दिया गया है।

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भजन के बोल

आग बहे तेरी रग में
तुझसा कहाँ कोई जग में
है वक़्त का तू ही तो पहला पहर
तू आँख जो खोले तो ढाए कहर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर
आदि ना अंत है उसका
वो सबका ना इनका उनका
वोही है माला, वोही है मनका
मस्त मलंग वो अपनी धुन का
अंतर मंतर तंतर जागी
है सर्वत्र के स्वाभिमानी
मृत्युंजय है महा विनाशी
ओमकार है इसी की वाणी
इसी की इसी की इसी की वाणी
इसी की इसी की इसी की वाणी
भांग धतुरा बेल का पत्ता
तीनो लोक इसी की सत्ता
विष पीकर भी अडिग अमर है
महादेव हर हर है जपता
वोही शून्य है वोही इकाई
वोही शून्य है वोही इकाई
वोही शून्य है वोही इकाई
जिसके भीतर बस्ता शिवा है
…. नागेन्द्र हराया त्रिलोचानाया
बस्मंगा रागाया महेस्वराया
निथ्याया शुधाया दिगम्बराया
तस्मै॑ नकाराया नमशिवाया
शिवा त्राहिमाम शिवा त्राहिमाम
शिवा त्राहिमाम शिवा त्राहिमाम
महादेव जी त्राहिमाम, शर्नागातम
तवं त्राहिमाम, शिवा रक्ष्यामम
शिवा रक्ष्यामम, शिवा त्राहिमाम
आँख मूँद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एकाकी
जिसके लिए जगत है झांकी
जटा में गंगा, चाँद मुकुट है
सोम्य कभी कभी बड़ा विकट है
आग से जलना है कैलाशी
शक्ति जिसकी दर्द की प्यासी
है प्यासी, हाँ प्यासी
राम भी उसका, रावन उसका
जीवन उसका मरण भी उसका
तांडव है और ध्यान भी वो है
अज्ञानी का ज्ञान भी वो है
आँख तीसरी जब ये खोले
हिले धरा और स्वर्ग भी डोले
गूँज उठे हर दिशा क्षितिज में
नंद उसी का बम बम भोले
वही शून्य है वोही इकाई
वही शून्य है वोही इकाई
वही शून्य है वोही इकाई
जिसके भीतर बसा शिवा है
तो बोलो हर हर हर…
जा कर विनाश जा जा के कैलाश
जा कर विनाश जा जा के कैलाश
तो बोलो हर हर हर
जा जा के कैलाश जा कर विनाश
जा जा के कैलाश जा कर विनाश
जा जा के कैलाश जा कर विनाश
यक्ष स्वरूपाया जट्टा धराय
पिनाका हस्थाथाया संथानाय
दिव्याया देवाया दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमः शिवाय

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