मुख्य बिंदु
- – शिव भगवान दयालु और दाता हैं, जो सभी जीवों के पालक हैं और भंडार से भरे हुए हैं।
- – जो भक्त शिव की पूजा करते हैं, वे उनके द्वारा उद्धार पाते हैं और उनके सपने साकार होते हैं।
- – शिव को विश्वनाथ, नीलकंठ, चन्द्र भाल और महाकाल के नामों से भी जाना जाता है।
- – शिव की माया अनंत है और वे भक्तों की हर जरूरत पूरी करते हैं, बस श्रद्धा और भक्ति से उन्हें फूल अर्पित करना चाहिए।
- – शिव की लीला महान है और वे कैलाश पर विराजमान होकर भक्तों के मन में विश्वास और उपकार करते हैं।
- – शिव के चरणों में सिर झुकाने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वे भक्तों की रक्षा करते हैं।

भजन के बोल
शिव है दयालु, शिव है दाता
शिव पालक है इस श्रिष्टि के
भोले भंडारी, ओ
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जय जय विश्वनाथ शंभु
जय जय नीलकंठ शंभु
जय जय चन्द्र भाल शंभु
जय जय महाकाल शंभु
मायापति की माया का अंत होता ही नहीं
उनके द्वारे किसी बात की कमी नहीं
बस भावना के उनको दो फूल अर्पण कीजिये
देवो के देव से फिर चाहे जो भी लीजिये
कोई तीनों लोक में ऐसा और दाता ना
जिनके शिवालय से तो खाली कोई जाता ना
भक्तो के, हो
सब भक्तो के सपने वो साकार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जय जय विश्वनाथ शंभु
जय जय नीलकंठ शंभु
जय जय चन्द्र भाल शंभु
जय जय महाकाल शंभु
शिव चरणों में अपने ये सर झुका के देखिये
काया पलट देंगे शिव, आज़माके देखिये
महादेव डमरू वाले की लीला ही महान है
बड़े बड़े महा दानी लेने आते दान है
भस्मीरमाए बैठे जो है कैलाश में
वो ही छुपे भक्तो के मन के विश्वास में
ना जाने, हो
ना जाने वो कब किसपे उपकार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
भोले भंडारी, ओ
भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे
