मुख्य बिंदु
- – शनि देव महाराज जन के संकट हरने वाले और धर्म के रक्षक हैं।
- – वे सूर्य के पुत्र हैं, जिनकी पूजा से दुर्लभ कार्य भी साध्य होते हैं।
- – शनि देव को नील रंग और साँप पर सवारी करने वाला बताया गया है।
- – वे राजा और निर्धनों दोनों के भूपति हैं, जो न्याय और करुणा से सबका कल्याण करते हैं।
- – भक्तों की आशा पूरी करते हैं और अपराधों को क्षमा करने वाले हैं।
- – शनि देव की पूजा से जीवन में संकट दूर होते हैं और सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
भजन के बोल
जय जय शनि देव महाराज,
जन के संकट हरने वाले ।
तुम सूर्य पुत्र बलिधारी,
भय मानत दुनिया सारी ।
साधत हो दुर्लभ काज ॥
तुम धर्मराज के भाई,
जब क्रूरता पाई ।
घन गर्जन करते आवाज ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
तुम नील देव विकराली,
है साँप पर करत सवारी ।
कर लोह गदा रह साज ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
तुम भूपति रंक बनाओ,
निर्धन स्रछंद्र घर आयो ।
सब रत हो करन ममताज ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
राजा को राज मितयो,
निज भक्त फेर दिवायो ।
जगत में हो गयी जय जयकार ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
तुम हो स्वामी हम चरणं,
सिर करत नमामी जी ।
पूर्ण हो जन जन की आस ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
जहाँ पूजा देव तिहारी,
करें दीन भाव ते पारी ।
अंगीकृत करो कृपाल ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
कब सुधि दृष्टि निहरो,
छमीये अपराध हमारो ।
है हाथ तिहारे लाज ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
हम बहुत विपत्ति घबराए,
शरणागत तुम्हरी आये ।
प्रभु सिद्ध करो सब काज ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
यहाँ विनय करे कर जोर के,
भक्त सुनावे जी ।
तुम देवन के सिरताज ॥
जय जय शनि देव महाराज..॥
जय जय शनि देव महाराज,
जन के संकट हरने वाले ।