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- – जीवन अनिश्चित है, अगले जन्म का कोई भरोसा नहीं होता, इसलिए रोजाना थोड़ा-थोड़ा भजन करना चाहिए।
- – चाहे हाथी बनो या घोड़ा, अपने क्रोध और इच्छाओं पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
- – जीवन में धन-दौलत स्थायी नहीं है, समय के साथ सब कुछ छिन सकता है।
- – मृत्यु सभी को समान रूप से आती है, इसलिए जीवन का सही उपयोग करना चाहिए।
- – नियमित भजन और आध्यात्मिक अभ्यास से मन को शांति और संतोष मिलता है।

भजन करो थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना,
भजन करों थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना।।
अगले जनम का क्या है भरोसा,
अगले जनम का क्या है भरोसा,
हाथी बनो कि घोड़ा,
कि रोज दिना,
भजन करों थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना।।
हाथी बनें तो अंकुश लगावें,
हाथी बनें तो अंकुश लगावें,
घोड़ा बनें तो बड़े कोड़ा,
कि रोज दिना,
भजन करों थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना।।
आये हो तो जानई पड़ है,
आये हो तो जानई पड़ है,
काल ने किसी को ना छोड़ा,
कि रोज दिना,
भजन करों थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना।।
धन दौलत सब धरी रह जावे,
धन दौलत सब धरी रह जावे,
मारे जब काल हथौड़ा,
कि रोज दिना,
भजन करों थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना।।
भजन करो थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना,
भजन करों थोड़ा थोड़ा,
कि रोज दिना।।
गायक / प्रेषक – महेन्द्र सिंह लोधी।
7879409630
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