तेरा डंका जग में बाज रहा,
तेरा डंका जग में बाज रहा,
तेरा डंका जग में बाज रहा,
ओ माँ अंजनी के लाला जी,
तेरा डंका जग में बाज रहा,
मेरे राम दुलारें बजरंगी,
तेरा डंका जग में बाज रहा ॥
और इच्छा पूरी करते हो,
जो खाली दर पे आता है,
तुम झोली उसकी भरते हो,
हो लाल लंगोटे वाले तुम,
और काँधे पे गदा है साज रहा,
मेरे राम दुलारें बजरंगी,
तेरा डंका जग में बाज रहा ॥
राम दुवारे तुम रखवारे,
दुनिया तुमको कहती है,
जिस घर में तेरी ज्योत जले,
खुशियाँ उस घर में रहती है,
शंकर के तुम अवतारी हो,
और माथे पे मुकुट विराज रहा,
मेरे राम दुलारें बजरंगी,
तेरा डंका जग में बाज रहा ॥
मेरे राम दुलारे बजरंगी,
तेरा डंका जग में बाज रहा,
तेरा डंका जग में बाज रहा,
तेरा डंका जग में बाज रहा,
ओ माँ अंजनी के लाला जी,
तेरा डंका जग में बाज रहा,
मेरे राम दुलारें बजरंगी,
तेरा डंका जग में बाज रहा ॥
भजन: मेरे राम दुलारे बजरंगी, तेरा डंका जग में बाज रहा
यह भजन एक गहन भक्ति से परिपूर्ण है, जिसमें भगवान हनुमान जी की शक्ति, उनकी भगवान राम के प्रति निष्ठा, और भक्तों पर उनकी कृपा का विस्तृत विवरण है। इसे भावनात्मक गहराई और आध्यात्मिक समझ के साथ देखना आवश्यक है। यह भजन न केवल हनुमान जी के बाह्य गुणों का वर्णन करता है, बल्कि उनकी आध्यात्मिक भूमिका और भक्तों के जीवन में उनके महत्व को भी उजागर करता है। आइए अब प्रत्येक पंक्ति की गहन व्याख्या करते हैं।
मेरे राम दुलारे बजरंगी
‘राम दुलारे’ केवल एक संबोधन नहीं, बल्कि भगवान हनुमान के चरित्र का एक गहरा परिचय है। यह बताता है कि वे भगवान राम के सबसे प्रिय सेवक हैं। उनकी निष्ठा केवल भक्ति तक सीमित नहीं है; उन्होंने भगवान राम के सभी कार्यों में एक सहायक की भूमिका निभाई। उनके ‘बजरंगी’ स्वरूप का अर्थ है कि वे अत्यंत बलवान और निर्भीक हैं। यह शक्ति केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। यह गुण उन्हें एक आदर्श भक्त और दिव्य योद्धा बनाता है।
तेरा डंका जग में बाज रहा
‘डंका’ का अर्थ है विजय और प्रतिष्ठा की घोषणा। यह पंक्ति हनुमान जी के अद्वितीय प्रभाव और उनकी ख्याति को रेखांकित करती है। यहां ‘जग’ शब्द केवल भौतिक संसार का संकेत नहीं करता, बल्कि आध्यात्मिक क्षेत्र की ओर भी इंगित करता है। उनके कार्यों और उनके भक्तों पर उनकी कृपा का प्रभाव ऐसा है कि उनकी महिमा पृथ्वी से लेकर स्वर्ग तक गूंज रही है। यह संदेश देता है कि जब कोई व्यक्ति निस्वार्थता और भक्ति से कार्य करता है, तो उसकी ख्याति हर जगह फैलती है।
ओ माँ अंजनी के लाला जी
हनुमान जी की दिव्य उत्पत्ति उनकी महानता का आधार है। माता अंजनी के पुत्र के रूप में उनका जन्म केवल एक पारिवारिक संबंध नहीं, बल्कि उनकी आध्यात्मिक जड़ों की ओर इशारा करता है। माता अंजनी का उल्लेख यह भी दर्शाता है कि हनुमान जी की हर शक्ति और उपलब्धि उनके माता-पिता की कृपा और आशीर्वाद का फल है। इस पंक्ति में यह सिखाया गया है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जड़ों और अपने परिवार से जुड़ा रहकर ही महान बन सकता है।
तुम सबके संकट हरते हो
हनुमान जी को ‘संकटमोचन’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वे सभी प्रकार की समस्याओं और कष्टों को दूर करने वाले हैं। यह केवल बाहरी संकटों तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक समस्याओं को भी समाप्त करने की उनकी शक्ति को इंगित करता है। उनके भक्तों का विश्वास है कि जब भी वे सच्चे मन से उन्हें पुकारते हैं, तो हनुमान जी उनके जीवन से सभी परेशानियों को हटा देते हैं। इस पंक्ति में निहित संदेश यह है कि ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए सच्ची श्रद्धा और समर्पण आवश्यक है।
और इच्छा पूरी करते हो
यह पंक्ति हनुमान जी की करुणा और उनकी भक्तवत्सलता को दर्शाती है। वे केवल संकट को दूर ही नहीं करते, बल्कि भक्तों की सच्ची इच्छाओं को भी पूरा करते हैं। यहां एक गहरी शिक्षा छुपी है कि उनकी कृपा केवल उन पर होती है, जिनकी इच्छाएँ पवित्र और धर्म के अनुकूल होती हैं। यह भी ध्यान देने योग्य है कि उनकी कृपा के लिए केवल भौतिक वस्तुओं की आकांक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक प्रगति की कामना करनी चाहिए।
जो खाली दर पे आता है, तुम झोली उसकी भरते हो
इस पंक्ति में ‘खाली दर’ का अर्थ है वह व्यक्ति जो पूरी विनम्रता और समर्पण के साथ हनुमान जी के पास आता है। ‘झोली भरने’ का अर्थ केवल भौतिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक शांति, आत्मिक संतोष, और जीवन में आनंद प्राप्त करने से भी है। यह पंक्ति यह सिखाती है कि जब कोई व्यक्ति अपने अहंकार को छोड़कर, अपने जीवन की परेशानियों और इच्छाओं को ईश्वर के चरणों में रखता है, तो वह जीवन के सभी पहलुओं में समृद्धि और शांति पाता है।
हो लाल लंगोटे वाले तुम
हनुमान जी के लाल लंगोटे का उल्लेख उनकी सादगी और तपस्वी जीवनशैली को दर्शाता है। यह यह भी संकेत करता है कि बाहरी आडंबर और विलासिता में कोई वास्तविक शक्ति नहीं होती। उनकी साधारण वेशभूषा उनकी विनम्रता और धर्मपरायणता का प्रतीक है। यह यह भी बताता है कि सच्चा बल और शक्ति भौतिक वस्तुओं में नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धता और तपस्या में निहित है।
और काँधे पे गदा है साज रहा
हनुमान जी की गदा उनकी शक्ति और विजय का प्रतीक है। यह केवल शारीरिक बल का प्रतीक नहीं है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और उनके भक्तों की रक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। गदा का उल्लेख यह भी संकेत देता है कि जब व्यक्ति धर्म और सत्य के मार्ग पर चलता है, तो उसे हर परिस्थिति में विजय प्राप्त होती है।
राम दुवारे तुम रखवारे
हनुमान जी को भगवान राम के द्वारपाल के रूप में दर्शाया गया है। यह पंक्ति न केवल हनुमान जी की निष्ठा का वर्णन करती है, बल्कि उनकी भूमिका को भी रेखांकित करती है। हनुमान जी राम के द्वार पर रक्षक के रूप में खड़े हैं, जो बुराई को अंदर प्रवेश नहीं करने देते और उनके भक्तों की रक्षा करते हैं। यह पंक्ति एक गहरा प्रतीक है, जो यह सिखाती है कि जब व्यक्ति अपने जीवन में राम (ईश्वर) को स्थान देता है और उनके आदर्शों का पालन करता है, तो हनुमान जैसे दिव्य रक्षक स्वतः ही उसकी रक्षा करते हैं।
दुनिया तुमको कहती है
यह वाक्य हनुमान जी की सार्वभौमिक स्वीकृति को दर्शाता है। ‘दुनिया’ केवल पृथ्वी पर रहने वाले लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शब्द उनके गुणों और प्रभाव को सभी लोकों में दर्शाता है। हनुमान जी की महिमा केवल एक विशेष क्षेत्र तक सीमित नहीं है। वे त्रिलोक (स्वर्ग, पृथ्वी, और पाताल) में पूजनीय हैं। यह पंक्ति यह भी इंगित करती है कि उनके कार्य इतने दिव्य हैं कि हर युग और हर स्थान पर उनकी ख्याति है।
जिस घर में तेरी ज्योत जले
हनुमान जी की पूजा और उनकी उपस्थिति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ‘ज्योत’ का अर्थ केवल दीपक की लौ नहीं है, बल्कि यह उनके भक्त के मन में जलने वाली श्रद्धा और विश्वास की ज्योति को भी दर्शाता है। यह पंक्ति बताती है कि जिस घर में हनुमान जी की उपासना होती है, वहां नकारात्मकता का वास नहीं होता। ज्योत जलाने का प्रतीक यह है कि जब कोई अपने जीवन में आध्यात्मिक प्रकाश लाता है, तो वहां से अंधकार अपने-आप समाप्त हो जाता है।
खुशियाँ उस घर में रहती है
हनुमान जी की कृपा से घर में केवल बाहरी सुख-समृद्धि नहीं, बल्कि मानसिक शांति और सच्ची खुशी का निवास होता है। यह संदेश देता है कि जब व्यक्ति सच्चे मन से ईश्वर की उपासना करता है, तो उसकी सभी समस्याएँ सुलझ जाती हैं और उसका जीवन संतोष और सुख से भर जाता है।
शंकर के तुम अवतारी हो
यह पंक्ति हनुमान जी के भगवान शिव के अवतार होने की ओर संकेत करती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार हैं। यह उनकी दिव्यता और उनकी अद्वितीय शक्ति को दर्शाता है। शिव का अवतार होने के कारण हनुमान जी में शक्ति, करुणा, और भक्ति का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। यह पंक्ति यह भी सिखाती है कि शिव के अनुयायी और भक्त भी शक्ति और भक्ति के इस संयोग को अपने जीवन में धारण कर सकते हैं।
और माथे पे मुकुट विराज रहा
यह पंक्ति हनुमान जी की राजसी गरिमा का संकेत है। ‘मुकुट’ केवल भौतिक रूप से उनके सम्मान का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उनकी दिव्यता और उनकी आत्मिक शक्ति का प्रतीक भी है। उनका मुकुट यह दर्शाता है कि भक्ति और निष्ठा के बल पर एक साधारण वानर भी देवताओं के बीच सम्मानित हो सकता है। यह पंक्ति भक्तों को यह प्रेरणा देती है कि ईश्वर के प्रति सच्चा प्रेम और सेवा व्यक्ति को महानता के शिखर तक पहुंचा सकती है।
भजन के समग्र संदेश की गहराई
इस भजन का केंद्रीय संदेश यह है कि हनुमान जी केवल एक दिव्य व्यक्तित्व नहीं, बल्कि हमारे जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शक हैं। वे संकटों का नाश करते हैं, भक्ति का मार्ग दिखाते हैं, और ईश्वर के प्रति निष्ठा का महत्व सिखाते हैं। उनकी शक्तियाँ न केवल भौतिक कष्टों को समाप्त करती हैं, बल्कि आध्यात्मिक अज्ञानता को भी दूर करती हैं।
हनुमान जी की उपासना हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति में बल और साहस निहित है। जब हम उनके गुणों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो हम भी उन बाधाओं को पार कर सकते हैं जो हमारे आध्यात्मिक और भौतिक विकास में रुकावट डालती हैं।
भजन का प्रभाव और उपासना का महत्व
इस भजन को गाने और सुनने का अर्थ केवल मनोरंजन नहीं है। इसके हर शब्द में एक गहरा संदेश छिपा है, जो व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से लड़ने और भगवान की भक्ति में लीन रहने के लिए प्रेरित करता है। इस भजन का नियमित पाठ या गायन मानसिक शांति प्रदान करता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
