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भजन: राम राम जपो, चले आएंगे हनुमान जी – Bhajan: Ram Ram Bhajo Chale Aayenge Hanuman Ji

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दो अक्षर वाला नाम,
आये बड़ा काम जी,
राम राम जपो,
चले आएंगे हनुमान जी,
राम राम भजो,
श्री राम राम भजो ॥
सीता माँ ने दिया,
मोतियों का माला
माला तोड़ दिया,
वीर हनुमाना,
नाम नहीं राम का तो,
आये किस काम जी,
राम राम जपों,
चले आएंगे हनुमान जी,
राम राम भजों,
श्री राम राम भजो ॥

चीर दिये सीना,
भरी महफ़िल में,
सीताराम को,
दिखा दिए दिल में,
चमक चमक चमक रही,
झांकी सियाराम की,
राम राम जपों,
चले आएंगे हनुमान जी,
राम राम भजों,
श्री राम राम भजो ॥

चौंक गयी प्रजा,
देख के नज़ारे,
तुम हो राम के,
और राम है तुम्हारे,
सीने से लगाए,
उसी वक़्त श्री राम जी,
राम राम जपों,
चले आएंगे हनुमान जी,
राम राम भजों,
श्री राम राम भजो ॥

दो अक्षर वाला नाम,
आये बड़ा काम जी,
राम राम जपो,
चले आएंगे हनुमान जी,
राम राम भजो,
श्री राम राम भजो ॥

भजन: राम राम जपो, चले आएंगे हनुमान जी

गहरी आध्यात्मिक समझ

इस भजन के प्रत्येक शब्द में गहरी आध्यात्मिकता छिपी है। यह भजन हनुमान जी की अद्वितीय भक्ति और भगवान राम के नाम की असीम महिमा को सरल शब्दों में समझाता है। अब हम इस भजन के हर पंक्ति का गहराई से विश्लेषण करेंगे और उनके गूढ़ अर्थ को समझने का प्रयास करेंगे।


दो अक्षर वाला नाम, आये बड़ा काम जी

“राम” नाम केवल दो अक्षरों का है, लेकिन यह ब्रह्मांड की अनंत शक्ति और सत्य का प्रतीक है। जब कोई इस नाम का जप करता है, तो उसे असीम आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
गहरी व्याख्या:

  1. राम नाम की शक्ति:
    यह नाम केवल एक शब्द नहीं है; यह एक साधन है जो आत्मा को ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जोड़ता है। “राम” नाम जपने से मनुष्य के भीतर आत्मिक चेतना जागृत होती है।
  2. जीवन में कठिनाई का समाधान:
    जब मनुष्य किसी समस्या में होता है और वह सच्चे मन से “राम” का नाम जपता है, तो उसे मानसिक शांति और समाधान का मार्ग मिलता है।

यह नाम जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट करता है और हमें हमारी सीमित चेतना से असीम चेतना की ओर ले जाता है।

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राम राम जपो, चले आएंगे हनुमान जी

हनुमान जी भगवान राम के सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि राम नाम जपने से हनुमान जी की उपस्थिति अपने आप प्रकट हो जाती है।
गहरी व्याख्या:

  1. हनुमान जी की तत्परता:
    हनुमान जी को “चिरंजीवी” कहा गया है, जो संसार में हर जगह, हर समय मौजूद हैं। लेकिन उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्ति और राम नाम जप की आवश्यकता होती है।
  2. सद्गुणों का आह्वान:
    राम नाम जपने का अर्थ केवल हनुमान जी को बुलाना नहीं, बल्कि उनके जैसे सद्गुणों—साहस, निष्ठा, और सेवा—को अपने भीतर जगाना है।

यह पंक्ति यह भी सिखाती है कि भगवान राम का नाम जपने से हमारी चेतना हनुमान जी की तरह समर्पित और शक्तिशाली बनती है।


सीता माँ ने दिया, मोतियों का माला

यहां माता सीता द्वारा हनुमान जी को भेंट दी गई माला का वर्णन किया गया है।
गहरी व्याख्या:

  1. मोतियों की माला का प्रतीक:
    माला केवल बाहरी आभूषण नहीं है; यह उस प्रेम और सम्मान का प्रतीक है जो माता सीता ने हनुमान जी के प्रति व्यक्त किया।
  2. भक्ति का आदान-प्रदान:
    माता सीता के लिए हनुमान जी न केवल सेवक हैं, बल्कि भगवान राम के प्रति निष्ठा और भक्ति का जीवंत उदाहरण भी हैं।

यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि जब भक्ति सच्ची होती है, तो भगवान और भक्त के बीच का संबंध केवल भौतिक वस्तुओं तक सीमित नहीं रहता।


माला तोड़ दिया, वीर हनुमाना

हनुमान जी ने उस माला को तोड़कर यह दिखाया कि उनकी दृष्टि केवल भगवान राम के नाम पर केंद्रित है।
गहरी व्याख्या:

  1. माला तोड़ने का अर्थ:
    माला तोड़ना एक प्रतीकात्मक कार्य था। यह दिखाता है कि हनुमान जी की भक्ति केवल बाहरी वस्तुओं पर आधारित नहीं है।
  2. राम नाम का महत्व:
    हनुमान जी के लिए माला का महत्व तभी था, जब उसमें राम का नाम हो। उनका यह कृत्य यह सिखाता है कि भक्ति बाहरी वस्तुओं से अधिक आंतरिक समर्पण और प्रेम पर आधारित होती है।

नाम नहीं राम का तो, आये किस काम जी

यह पंक्ति भक्ति के सार को स्पष्ट करती है।
गहरी व्याख्या:

  1. संपूर्ण जीवन का आधार:
    हनुमान जी के लिए राम नाम ही सब कुछ है। अगर किसी चीज़ में राम नाम नहीं है, तो वह वस्तु उनके लिए निरर्थक है।
  2. संदेश:
    इस पंक्ति से यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी वस्तु या कर्म का महत्व तभी है, जब उसमें भक्ति और प्रेम का अंश हो।

यह भजन हमें अपने जीवन में राम नाम और भक्ति को प्राथमिकता देने की प्रेरणा देता है।


चीर दिये सीना, भरी महफ़िल में

यह घटना हनुमान जी की निस्वार्थ भक्ति और उनकी आंतरिक शक्ति को दिखाती है।
गहरी व्याख्या:

  1. राम-सीता का हृदय में वास:
    जब हनुमान जी ने अपना सीना चीरकर राम और सीता को दिखाया, तो उन्होंने यह प्रमाणित किया कि सच्ची भक्ति बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक होती है।
  2. भक्ति का शिखर:
    यह घटना यह सिखाती है कि जब भक्ति अपने चरम पर पहुंचती है, तो भक्त और भगवान के बीच की दूरी समाप्त हो जाती है।
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सीताराम को, दिखा दिए दिल में

हनुमान जी ने अपनी भक्ति को प्रमाणित करने के लिए अपने हृदय में राम और सीता की छवि दिखायी।
गहरी व्याख्या:

  1. दिल में भगवान का निवास:
    सच्चे भक्त के दिल में भगवान का निवास होता है। यह घटना भक्ति की शक्ति और सच्चाई को प्रकट करती है।
  2. आध्यात्मिक संदेश:
    यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि वह स्वाभाविक रूप से प्रकट होती है।

चमक चमक चमक रही, झांकी सियाराम की

हनुमान जी के सीने में राम और सीता की दिव्य छवि की झलक चमक रही है। यह दृश्य भक्ति के प्रकाश और भगवान की उपस्थिति का प्रतीक है।
गहरी व्याख्या:

  1. झांकी का महत्व:
    “झांकी” शब्द केवल भगवान की छवि का दर्शन नहीं है, बल्कि यह भक्त के भीतर छिपी आध्यात्मिक ज्योति का प्रतीक भी है। यह दिखाता है कि जब भक्ति शुद्ध और निस्वार्थ होती है, तो भगवान की उपस्थिति भक्त के भीतर स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
  2. आध्यात्मिक प्रकाश:
    हनुमान जी के सीने में राम और सीता का दर्शन यह बताता है कि सच्ची भक्ति से आत्मा में ऐसा प्रकाश उत्पन्न होता है, जो हर अंधकार को दूर कर देता है।

यह पंक्ति यह भी सिखाती है कि भक्ति का प्रभाव बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक प्रकाश में दिखता है, जो संसार को भी प्रभावित करता है।


चौंक गयी प्रजा, देख के नज़ारे

हनुमान जी द्वारा अपने सीने में राम और सीता की झांकी दिखाने पर प्रजा आश्चर्यचकित रह गई। यह दृश्य अद्वितीय और अविश्वसनीय था।
गहरी व्याख्या:

  1. भक्ति की शक्ति:
    इस घटना ने दर्शाया कि भक्ति की शक्ति किसी भी भौतिक तर्क या दृष्टिकोण से परे है। भक्त का समर्पण और प्रेम दिव्य शक्तियों को प्रकट कर सकता है।
  2. भगवान का चमत्कार:
    प्रजा के लिए यह दृश्य भगवान के अस्तित्व और उनकी कृपा का प्रमाण था। यह घटना यह भी दिखाती है कि सच्चे भक्त के माध्यम से भगवान अपनी उपस्थिति प्रकट करते हैं।

तुम हो राम के, और राम है तुम्हारे

यह पंक्ति भक्त और भगवान के बीच के गहरे संबंध को व्यक्त करती है।
गहरी व्याख्या:

  1. भक्त और भगवान का अटूट संबंध:
    यह पंक्ति बताती है कि भगवान अपने भक्त के लिए हैं, और भक्त भगवान के लिए। यह संबंध किसी भी भौतिक रिश्ते से परे है।
  2. परस्पर प्रेम और समर्पण:
    भक्त और भगवान के बीच यह अटूट प्रेम और समर्पण यह दर्शाता है कि जब भक्त पूर्ण निष्ठा और विश्वास के साथ भगवान को अपनाता है, तो भगवान भी उसे अपने साथ जोड़ लेते हैं।

हनुमान जी ने अपनी भक्ति से यह दिखाया कि भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण से भक्त और भगवान के बीच कोई भेद नहीं रहता।

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सीने से लगाए, उसी वक़्त श्री राम जी

हनुमान जी की भक्ति और समर्पण को देखकर भगवान राम ने उन्हें अपने हृदय से लगा लिया।
गहरी व्याख्या:

  1. भगवान की कृपा:
    यह घटना बताती है कि भगवान हमेशा अपने भक्त की सच्ची भक्ति को पहचानते हैं और उसे स्वीकार करते हैं।
  2. स्नेह और अपनापन:
    भगवान राम का हनुमान जी को गले लगाना यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति के लिए भगवान के हृदय में विशेष स्थान होता है।

यह घटना यह भी दर्शाती है कि भक्ति में जब समर्पण और प्रेम चरम पर होता है, तो भक्त और भगवान के बीच कोई दूरी नहीं रहती।


राम राम जपो, चले आएंगे हनुमान जी

(पंक्तियों का पुनरावृत्त होना भजन के सार को और गहरा करता है।)

हर बार यह पंक्ति हमें यह याद दिलाती है कि राम नाम जपना जीवन में शक्ति, साहस और समाधान का स्रोत है।

गहरी व्याख्या:

  1. आध्यात्मिक अनुशासन:
    राम नाम का जाप केवल एक साधना नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में प्रभु की कृपा का अनुभव करने का माध्यम है।
  2. हनुमान जी की उपस्थिति:
    हनुमान जी को “राम नाम के प्रहरी” कहा जाता है। राम नाम जपने से उनकी कृपा और मार्गदर्शन तुरंत प्राप्त होता है।

भजन का समग्र सार और गहराई

यह भजन भक्त और भगवान के बीच के गहरे और अटूट संबंध को समझाता है। इसमें भगवान राम के नाम की शक्ति और हनुमान जी की निस्वार्थ भक्ति का सुंदर चित्रण है।

1. राम नाम का प्रभाव:

यह भजन बार-बार हमें यह याद दिलाता है कि भगवान राम का नाम एक साधारण नाम नहीं है; यह हर कठिनाई का हल है। यह नाम जपने से मन को शांति, जीवन में स्पष्टता, और आत्मा को ऊर्जा प्राप्त होती है।

2. भक्ति का महत्व:

भजन यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति बाहरी आडंबर या दिखावे से परे होती है। यह भक्ति हमारे हृदय की गहराइयों में निवास करती है, जहां भगवान को देखा और अनुभव किया जा सकता है।

3. भगवान की कृपा:

भगवान राम हमेशा अपने सच्चे भक्त की भक्ति और प्रेम को स्वीकार करते हैं। उनके प्रति समर्पण और विश्वास का हर कार्य उन्हें प्रसन्न करता है।

4. हनुमान जी की भक्ति का आदर्श:

हनुमान जी का जीवन और उनकी भक्ति यह सिखाती है कि जब प्रेम और समर्पण में कोई शर्त नहीं होती, तो भगवान का प्रेम भी उसी गहराई से मिलता है।


निष्कर्ष

यह भजन हमें सिखाता है कि भगवान राम का नाम जपना केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह जीवन का सार है। हनुमान जी की भक्ति हमें प्रेरित करती है कि हम अपने जीवन में निस्वार्थता, साहस और सेवा के गुण अपनाएं।

राम नाम और भक्ति का प्रकाश हमारे जीवन को अंधकार से उजाले की ओर ले जाने वाला मार्ग है।
जय श्री राम!

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