की बोलो जय बालाजी,
यहाँ आता किस्मत वाला,
की बोलो जय बालाजी,
सालासर धाम निरालां,
की बोलो जय बालाजी ॥
सालासर धाम के,
बन गए पुजारी,
जो भी वीर हनुमान के,
है कलयुग देव निराला,
की बोलो जय बालाजी,
सालासर धाम निरालां,
की बोलो जय बालाजी ॥
किस्मत से ज्यादा बाबा,
सबको ये देता है,
अपने भगत के सारे,
दुःख हर लेता है,
ये राम दूत मतवाला,
की बोलो जय बालाजी,
सालासर धाम निरालां,
की बोलो जय बालाजी ॥
चलती जहां में ‘साहिल’,
इनकी ही सत्ता है,
मर्जी बिना ना ‘पन्ना’,
हिले ना एक पत्ता है,
खोले तक़दीर का ताला,
की बोलो जय बालाजी,
सालासर धाम निरालां,
की बोलो जय बालाजी ॥
सालासर धाम निराला,
की बोलो जय बालाजी,
यहाँ आता किस्मत वाला,
की बोलो जय बालाजी,
सालासर धाम निरालां,
की बोलो जय बालाजी ॥
भजन: सालासर धाम निराला – बोलो जय बालाजी
सालासर बालाजी, जिन्हें हनुमान जी के रूप में पूजा जाता है, उनके प्रति यह भजन गहरी श्रद्धा व्यक्त करता है। सालासर धाम, राजस्थान में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जिसे भक्त “निराला” अर्थात् अद्वितीय मानते हैं। इस भजन की प्रत्येक पंक्ति में हनुमान जी की शक्ति, उनकी कृपा और भक्तों पर उनके आशीर्वाद को विस्तार से व्यक्त किया गया है। आइए, इसे गहराई से समझते हैं।
सालासर धाम निराला, की बोलो जय बालाजी
सालासर धाम को “निराला” क्यों कहा गया है? “निराला” शब्द का अर्थ है अनोखा, विशेष और असाधारण। यह धाम हनुमान जी की दिव्यता और उनकी कृपा का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह धाम साधारण तीर्थस्थलों से भिन्न है क्योंकि यहाँ आने वाले भक्तों को उनकी भक्ति का प्रत्यक्ष फल मिलता है। “बोलो जय बालाजी” का अर्थ है उनके नाम का जयकारा लगाना। जयकारा लगाने का तात्पर्य यह है कि भक्त अपने हृदय से उनकी प्रशंसा करें, जिससे न केवल आंतरिक शक्ति मिलती है, बल्कि भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति भी प्राप्त होती है।
यहाँ आता किस्मत वाला, की बोलो जय बालाजी
इस पंक्ति में इस बात पर जोर दिया गया है कि सालासर धाम तक पहुँचने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता। इसे “किस्मत वाला” अर्थात् भाग्यशाली व्यक्ति का अधिकार माना गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहाँ आने के लिए न केवल शारीरिक यात्रा की आवश्यकता होती है, बल्कि आंतरिक आस्था और ईश्वर पर विश्वास का होना भी जरूरी है। जब कोई भक्त सालासर धाम पहुँचता है, तो उसे बालाजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो उसकी परेशानियों को समाप्त कर देती है।
चर्चे जगत में भारी, सालासर धाम के
इस पंक्ति में सालासर धाम की ख्याति और उसकी अद्वितीयता का वर्णन है। यह स्थान केवल एक तीर्थस्थल नहीं है, बल्कि यह आस्था का केंद्र है, जिसके चर्चे पूरे संसार में हैं। भक्तों का यह विश्वास है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से यहाँ आता है, उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। बालाजी की ख्याति इसलिए भी अधिक है क्योंकि वे अपने भक्तों को निराश नहीं करते।
बन गए पुजारी, जो भी वीर हनुमान के
यहाँ “पुजारी” शब्द केवल एक औपचारिक भूमिका का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि उन सभी भक्तों का संकेत है जो हनुमान जी की सेवा और भक्ति करते हैं। “वीर हनुमान” का उल्लेख उनकी शक्ति, साहस और ऊर्जा को दर्शाता है। भक्त उनके आदर्शों का पालन करते हुए उनकी भक्ति में रत हो जाते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। यह भक्ति केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर पहलू में हनुमान जी के गुणों को अपनाने का संदेश देती है।
है कलयुग देव निराला, की बोलो जय बालाजी
कलयुग में, जहाँ आस्था और विश्वास कमजोर पड़ने लगते हैं, हनुमान जी को “कलयुग के देवता” कहा गया है। उनकी महिमा यह है कि वे अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं और उन्हें नई ऊर्जा प्रदान करते हैं। “देव निराला” का अर्थ है कि वे सामान्य देवताओं से अलग हैं, क्योंकि उनकी कृपा बिना किसी बाधा के भक्तों तक पहुँचती है। यह पंक्ति भक्तों को आश्वस्त करती है कि यदि वे सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करेंगे, तो उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान मिलेगा।
किस्मत से ज्यादा बाबा, सबको ये देता है
हनुमान जी की एक अद्भुत विशेषता यह है कि वे अपने भक्तों को उनकी किस्मत से भी अधिक प्रदान करते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि किसी भक्त की तकदीर में सीमित सुख लिखा हो, तो हनुमान जी उसे अपनी कृपा से अधिकतम सुख प्रदान करते हैं। वे अपनी दया और करुणा से भक्तों के जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाते हैं।
अपने भगत के सारे, दुःख हर लेता है
यह पंक्ति हनुमान जी की करुणा और उनके भक्तों के प्रति सच्चे प्रेम को दर्शाती है। “दुःख हर लेता है” का अर्थ यह है कि वे अपने भक्तों के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट, बाधाएं और समस्याओं को दूर कर देते हैं। यह केवल शारीरिक या भौतिक कष्टों की बात नहीं है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक कष्टों को भी समाप्त करने का संकेत है।
ये राम दूत मतवाला, की बोलो जय बालाजी
हनुमान जी को “राम दूत” के रूप में वर्णित किया गया है। राम के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण उन्हें “मतवाला” अर्थात् उत्साही और समर्पित बनाती है। यह भक्तों को यह संदेश देती है कि यदि वे अपने जीवन में निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कार्य करेंगे, तो वे हनुमान जी की कृपा प्राप्त करेंगे।
चलती जहां में ‘साहिल’, इनकी ही सत्ता है
इस पंक्ति में यह बताया गया है कि हनुमान जी की सत्ता पूरे संसार में व्याप्त है। “चलती जहां” का अर्थ है कि इस संसार में जो कुछ भी घटित हो रहा है, वह उनकी इच्छा और शक्ति के अधीन है। “साहिल” शब्द से यह संकेत मिलता है कि वे भक्तों के जीवन में सही दिशा दिखाने वाले हैं। यह पंक्ति यह भी कहती है कि चाहे परिस्थितियां कितनी ही कठिन क्यों न हों, हनुमान जी की कृपा से सब कुछ संभव है।
मर्जी बिना ना ‘पन्ना’, हिले ना एक पत्ता है
यह पंक्ति यह समझाती है कि संसार में हर घटना हनुमान जी की मर्जी से होती है। “पन्ना” और “पत्ता” जैसे प्रतीकों के माध्यम से यह व्यक्त किया गया है कि उनकी अनुमति के बिना कुछ भी संभव नहीं है। यह विचार गीता के कर्मयोग से मेल खाता है, जहाँ यह कहा गया है कि ईश्वर ही कर्ता है, और हम उनके माध्यम से कार्य करते हैं। भक्तों को यह संदेश दिया गया है कि वे हर कार्य में हनुमान जी की मर्जी और उनके मार्गदर्शन को स्वीकार करें।
खोले तक़दीर का ताला, की बोलो जय बालाजी
हनुमान जी को “तक़दीर का ताला खोलने वाले” के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वे अपने भक्तों की किस्मत बदलने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति रखते हैं। भक्त यह मानते हैं कि यदि वे सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करेंगे, तो उनके जीवन में बंद दरवाजे भी खुल जाएंगे। यह पंक्ति भक्तों को प्रेरित करती है कि वे अपने जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए हनुमान जी पर भरोसा करें।
सालासर धाम निराला – भजन का गहराई से समग्र अर्थ
इस भजन में हर पंक्ति हनुमान जी की दिव्यता, शक्ति और उनके प्रति भक्तों की आस्था को दर्शाती है। सालासर धाम का यह भजन यह संदेश देता है कि हनुमान जी केवल एक देवता नहीं हैं, बल्कि वे अपने भक्तों के संरक्षक, मार्गदर्शक और उनके जीवन की समस्याओं का समाधान करने वाले हैं। भजन की हर पंक्ति इस बात को मजबूत करती है कि यदि भक्त सच्चे मन से बालाजी का स्मरण करेंगे और उनकी शरण में आएंगे, तो उन्हें हर प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
भजन में निहित संदेश
- भक्ति और समर्पण का महत्व
यह भजन भक्तों को यह सिखाता है कि सच्चे मन से की गई भक्ति ही हनुमान जी की कृपा पाने का मार्ग है। भक्ति का अर्थ केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि अपने जीवन में उनकी शिक्षाओं को अपनाने का भी है। - आस्था से जुड़ी शक्ति
सालासर धाम का महत्व यह है कि यहाँ भक्तों को यह अनुभव होता है कि उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर मिलता है। यह आस्था की शक्ति को प्रकट करता है, जो हर कठिनाई को पार करने में सहायक होती है। - कल्याणकारी देवता के रूप में हनुमान जी
हनुमान जी को इस भजन में “कल्याणकारी देवता” के रूप में दर्शाया गया है, जो भक्तों की तकदीर बदलने और उनकी समस्याओं का निवारण करने में सक्षम हैं। - समर्पण और शक्ति का मेल
“राम दूत मतवाला” जैसी पंक्तियाँ यह संदेश देती हैं कि हनुमान जी न केवल शक्ति का प्रतीक हैं, बल्कि वे आदर्श समर्पण का उदाहरण भी हैं। यह भक्तों को प्रेरणा देता है कि वे भी अपने जीवन में इस गुण को अपनाएं।
सालासर धाम की महिमा
सालासर धाम, राजस्थान में सीकर जिले में स्थित एक तीर्थ स्थल है, जो हनुमान जी के अद्वितीय स्वरूप “बालाजी” को समर्पित है। यहाँ हर वर्ष लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से यहाँ आता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बालाजी की मूर्ति का स्वरूप स्वयं में दिव्य और चमत्कारी है।
- चमत्कारिक स्थान
ऐसा कहा जाता है कि सालासर बालाजी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। यह स्थान केवल भौतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अद्वितीय है। - भक्तों के लिए विशेष अनुष्ठान
यहाँ पर कई विशेष अनुष्ठान होते हैं, जैसे नारियल चढ़ाना, ध्वज चढ़ाना, और बालाजी के चरणों में अपनी प्रार्थनाओं को प्रस्तुत करना। भक्त यह मानते हैं कि यह अनुष्ठान उनके जीवन को बेहतर बनाते हैं।
निष्कर्ष
यह भजन न केवल सालासर धाम की महिमा का वर्णन करता है, बल्कि भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। यह भक्तों को यह याद दिलाता है कि हनुमान जी उनके जीवन में शक्ति, साहस और भक्ति का संचार करने के लिए सदैव उपलब्ध हैं। “बोलो जय बालाजी” का जयकारा लगाने का संदेश भक्तों को अपनी श्रद्धा को प्रकट करने और जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए प्रेरित करता है।
