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मुख्य बिंदु
- – गीत में गंगा-जमुना के निर्मल और शीतल पानी की महत्ता को दर्शाया गया है।
- – गंगा-जमुना तट पर जाने का आग्रह मन को शांति और ताजगी देने वाला बताया गया है।
- – कान्हा (भगवान कृष्ण) की बंसी की मधुर धुन और नृत्य का वर्णन है।
- – बलबीर और मीरा के प्रभु गिरिधर नागर के प्रति भक्ति भाव व्यक्त किया गया है।
- – गीत में प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का सुंदर समन्वय प्रस्तुत किया गया है।
- – बार-बार गंगा-जमुना तीर जाने की प्रेरणा दी गई है ताकि शरीर और मन दोनों शीतल और निर्मल हो सकें।

भजन के बोल
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
गंगा जमुना निर्मल पानी,
गंगा जमुना निर्मल पानी,
गंगा जमुना निर्मल पानी,
शीतल होत शरीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
बंसी बजावत नाचत कान्हा,
संग लिये बलबीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे,
कुण्डल झलकत हीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,
चरण कमल पर शीश,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा-जमुना तीर,
गंगा जमना निरमल पाणी
शीतल होत शरीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
गंगा जमुना निर्मल पानी,
गंगा जमुना निर्मल पानी,
गंगा जमुना निर्मल पानी,
शीतल होत शरीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,
भजन वीडियो
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
