मुख्य बिंदु
- – किसी की बुराई न करें यदि भला न कर सकें, और न ही दूसरों के लिए कांटे बनें।
- – भगवान न बन सकें तो कम से कम इंसानियत बनाए रखें, शैतान या हैवान न बनें।
- – सत्य बोलना संभव न हो तो झूठ न बोलें, और दूसरों के प्रति विषैली बातें न करें।
- – दूसरों के घरों को न जलाएं, और जहां मरहम न लगा सकें वहां खार नमक न छिड़कें।
- – अमृत पिलाने में असमर्थ हों तो ज़हर देने से डरें, और धीरज रखें, किसी को चोट न पहुंचाएं।
- – राम नाम का जप और भजन करें, सदाचार अपनाने में असमर्थ हों तो कम से कम बुराई न करें।

भजन के बोल
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का मत करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
बन ना सको भगवान अगर तुम,
कम से कम इंसान बनो,
नहीं कभी शैतान बनो तुम,
नहीं कभी हैवान बनो,
सदाचार अपना न सको तो,
पापों में पग मत धरना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
सत्य वचन ना बोल सको तो,
झूठ कभी भी मत बोलो,
मौन रहो तो ही अच्छा,
कम से कम विष तो मत घोलो,
बोलो यदि पहले तुम तोलो,
फिर मुंह को खोला करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
घर ना किसी का बसा सको तो,
झोपड़ियां ना जला देना,
मरहम पट्टी कर ना सको तो,
खार नमक ना लगा देना,
दीपक बन कर जल ना सको तो,
अंधियारा ना फैला देना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
अमृत पिला ना सके किसी को,
ज़हर पिलाते भी डरना,
धीरज बंधा नहीं सको तो,
घाव किसी के मत करना,
राम नाम की माला ले कर,
सुबह श्याम भजन करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का मत करना,
पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,
कांटे बन कर मत रहना ॥
