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- – यह गीत सालासर के बजरंग बाला के प्रति भक्तिभाव और श्रद्धा को दर्शाता है।
- – गीत में भक्तों की इच्छा और आशा पूरी करने की बात कही गई है।
- – बजरंग बाला के मुकुट और माला का वर्णन करते हुए उनकी महिमा का बखान किया गया है।
- – भक्तों की समस्याओं को दूर करने और उनकी विनती सुनने की बात कही गई है।
- – गीत में भक्तों की भक्ति और बालाजी की सुरक्षा का आग्रह भी शामिल है।
- – यह गीत लक्ष्मण सपेरा द्वारा गाया गया है, जो भक्तों के लिए प्रेरणादायक है।

भगता ने प्यारो लागे,
मंदिरियो भी न्यारो लागे,
आया घना रे थारे यात्री,
सालासर का बजरंग बाला,
आया घना रे थारे यात्री।।
तर्ज – बोल तो मिठो लागे।
इच्छा दर्शन की दिल में,
पूर्ण करो आशा पल में,
आये धजा रे लिए यात्री,
राम भगत हो थे बालाजी,
आया घना रे थारे यात्री।।
सर पे थारे मुकुट विराजे,
गल में थारे मला साजे,
आये दीवाने थारे आंगणे,
पल में संकट मेटो सभी का,
आया घना रे थारे यात्री।।
सपेरा की विनती सुनना,
भक्तो को दर्शन देना,
सिर पर राखो थारो हाथ रे,
भक्त थारा भोला भाला,
रखना बालाजी इनकी लाज रे,
आया घना रे थारे यात्री।।
भगता ने प्यारो लागे,
मंदिरियो भी न्यारो लागे,
आया घना रे थारे यात्री,
सालासर का बजरंग बाला,
आया घना रे थारे यात्री।।
गायक / प्रेषक – लक्ष्मण सपेरा
9460811852
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