भक्ति का दीप मन में जलाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
मेरे नैनो को दर्शन तुम्हारा मिले,
मेरे प्राणो के तेरा सहारा मिले,
अपनी ममता का अमृत लुटाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
मेरे स्वामी तेरे पग बहाती रहूं,
भक्ति पूजा से तुमको रिझाती रहूं,
अपनी सेवा में मुझको लगाए रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
मेरे प्रभु गीत तेरे ही गाती रहूं,
अपने जीवन को पावन बनाती रहूं,
मेरी भूलों को हर दम भुलाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
भक्ति का दीप मन में जलाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
भक्ति का दीप मन में जलाये रखना: भजन
यह भजन एक सच्चे भक्त की भावनाओं का सुंदर चित्रण है, जो प्रभु के प्रति अपनी अटूट भक्ति और समर्पण को व्यक्त करता है। भजन में प्रभु के चरणों में स्थिरता, भक्ति का दीप मन में जलाए रखने की कामना, और प्रभु से प्रेमपूर्ण कृपा की प्राप्ति की कामना की गई है। प्रत्येक पंक्ति में भक्त अपने हृदय की गहराइयों से प्रभु के सानिध्य की प्रार्थना करता है। आइए, इस भजन के प्रत्येक पंक्ति का गहराई से अर्थ समझें।
भक्ति का दीप मन में जलाये रखना
भक्ति का दीप मन में जलाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
अर्थ: यह पंक्ति यह संकेत करती है कि मन में भक्ति का दीप प्रज्वलित रहना चाहिए, जो कभी मंद न हो। भक्त की यह विनती है कि वह प्रभु के चरणों में बैठा रहे, उनकी कृपा का पात्र बना रहे, और भक्ति का दीप सदैव मन में जलता रहे। भक्ति का दीप वह प्रेम और श्रद्धा है जो भक्त को प्रभु से जोड़े रखता है।
मेरे नैनो को दर्शन तुम्हारा मिले
मेरे नैनो को दर्शन तुम्हारा मिले,
मेरे प्राणो के तेरा सहारा मिले,
अपनी ममता का अमृत लुटाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
अर्थ: इस पंक्ति में भक्त प्रभु से उनके दर्शन की कामना करता है, जिससे उसकी आत्मा तृप्त हो सके। “मेरे प्राणों के तेरा सहारा मिले” में यह भाव छिपा है कि भक्त को जीवन का सहारा केवल प्रभु ही लगते हैं। वह उनसे यही प्रार्थना करता है कि उनकी ममता का अमृत उसकी ओर निरंतर बहता रहे, जिससे वह सच्चे रूप में प्रभु चरणों में बैठ सके और उसकी भक्ति की लौ सदैव प्रज्वलित रहे।
मेरे स्वामी तेरे पग बहाती रहूं
मेरे स्वामी तेरे पग बहाती रहूं,
भक्ति पूजा से तुमको रिझाती रहूं,
अपनी सेवा में मुझको लगाए रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
अर्थ: यह पंक्ति समर्पण और सेवा का संदेश देती है। भक्त प्रभु के चरणों को धोने, उनकी पूजा और सेवा में लगे रहने की इच्छा व्यक्त करता है। यह उसकी सेवा का सर्वोच्च रूप है, जिसमें वह प्रभु को अपनी भक्ति और पूजा से प्रसन्न करना चाहता है। भक्त अपने मन में यही आशा रखता है कि प्रभु उसे अपनी सेवा में स्थान दें और वह निरंतर उनकी पूजा में मग्न रह सके।
मेरे प्रभु गीत तेरे ही गाती रहूं
मेरे प्रभु गीत तेरे ही गाती रहूं,
अपने जीवन को पावन बनाती रहूं,
मेरी भूलों को हर दम भुलाये रखना,
प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना,
भक्ति का दीप मन में जलाए रखना ॥
अर्थ: इस पंक्ति में भक्त प्रभु के गीत गाने और अपने जीवन को पवित्र बनाने की कामना करता है। वह प्रभु से प्रार्थना करता है कि यदि उससे कोई भूल हो भी जाए तो प्रभु उसे क्षमा करें और उसे अपनी शरण में बनाए रखें। “प्रभु चरणों में मुझको बिठाये रखना” में भक्त की वह तड़प है कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, उसे प्रभु के चरणों में स्थान मिले।
निष्कर्ष
यह भजन भक्ति, प्रेम, और समर्पण की गहराइयों में जाकर प्रभु से जुड़ने का सशक्त माध्यम है। इसमें भक्त प्रभु से यही प्रार्थना करता है कि उसका मन हमेशा भक्ति के दीप से उज्जवल रहे, जिससे उसका जीवन और भी दिव्य और पवित्र बन सके।