- – यह भजन भगवान श्री श्याम की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा को व्यक्त करता है, जिसमें भक्तों की पीड़ा और दुखों को मिटाने की प्रार्थना की गई है।
- – भजन में भगवान से दीन-दुखियों की सहायता करने और भक्तों की रक्षा करने की विनती की गई है।
- – भक्त अपने दुखों और प्यास को भगवान के सामने रखकर उनकी दया और कृपा की आशा करते हैं।
- – भजन में भगवान से मनाने और सही मार्ग दिखाने की भी गुजारिश की गई है, ताकि भक्त जीवन की कठिनाइयों में संभल सकें।
- – यह गीत भक्तों की सेवा और उनकी पीड़ा को समझने की अपील करता है, साथ ही भगवान के प्रति अटूट विश्वास और भक्ति को दर्शाता है।
भक्तो की सुनो,
वो कितना सहेगा,
दुखडो को श्याम मिटा दे,
तेरी सेवा में रहेगा,
भक्तों की सुनो,
वो कितना सहेगा।।
तर्ज – गरीबो की सुनो।
मेरे श्याम की शान निराली,
भगत मनाए दीवाली,
दीन दुखी के दुखड़े मिटाते,
भग्तों की करते रखवाली,
तेरे दर पे आया,
दुखड़े मिटा दो,
दर्द भरे दिल की प्यास बुझा दो,
रहम करो हमपे जगत के खिवईया,
प्यास बुझा दो मेरी पकडो ये बईया,
टूट ना जाए भगत तुम्हारे,
दुखडों की बरसात में,
भक्तों की सुनो,
वो कितना सहेगा।।
भूल हुई क्या हमसे मोहन,
रुठे रुठे बैठे हो,
कैसे मनाऊं तुमको माधव,
अखियां फिराए ऐठे हो,
घड़ी भर तो देखा,
दिलदार हमको,
सही राह दिखाओ,
ना बिसराओ हमको,
श्याम के भरोसे पे जग को भुलाया,
सम्भालों हमें प्यारे,
हमें क्यूं भुलाया,
फंसे हुए हैं दास तुम्हारे,
जीवन की मझदार में,
भक्तों की सुनो,
वो कितना सहेगा।।
भक्तो की सुनो,
वो कितना सहेगा,
दुखडो को श्याम मिटा दे,
तेरी सेवा में रहेगा,
भक्तों की सुनो,
वो कितना सहेगा।।
भजन प्रेषक –
विनोद कुमार,
श्री श्याम मीरा मंडल दिल्ली
९२१२०६७४२२
