- – यह गीत भगवान शिव के भोले रूप की महिमा और उनकी अनोखी छवि का वर्णन करता है।
- – शिव जी के गले में काले नाग, जटाओं में गंगा और विष का प्याला उनकी शक्ति और दिव्यता का प्रतीक हैं।
- – भोले बाबा के रूप को निराला बताया गया है, जो भक्तों की रक्षा करते हैं और विपत्तियों को दूर करते हैं।
- – शिव के तांडव नृत्य और उनके प्रकाश की चमक का उल्लेख किया गया है, जो उनकी अद्भुत महिमा को दर्शाता है।
- – गीत में भोले बाबा की भक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनकी कृपा का विशेष महत्व बताया गया है।

भोले बाबा का रूप निराला,
श्लोक – शिव समान दाता नहीं,
और विपत विदारण हार,
लज्जा सबकी राखियो,
शिव नंदी के असवार।
भोले बाबा का रूप निराला,
शिव शंकर का रूप निराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।
भोले अंग पे भभूत रमाई रे,
भोले अंग पे भभूत रमाई,
तूने जटा से गंग बहाई,
तेरे हाथो में विष का प्याला,
है कैलाश पे वासा,
लहराए चले आए रे।
भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।
भोले शीश जटा में चंदा रे,
भोले शीश जटा में चंदा,
चमके कोटि थारे प्रकाशा,
तन पे है मृगछाला,
गले में रुण्डमाला,
लहराए चले आए रे।
भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।
भोले महिमा का खेल निराला रे,
भोले महिमा का खेल निराला,
भोले भक्तो का करे निस्तारा रे,
तेरे संग में भूतन का तोड़ा,
लागे गजब रा दौड़ा,
लहराए चले आए रे।
भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।
भोले शंकर रूप बणायो,
हे भोले शंकर रूप बणायो,
तूने तांडव नृत्य रचायो रे,
तेरे भक्त गाए गुण थारा,
भक्तो रा रखवाला,
लहराए चले आए रे।
भोले बाबा का रूप नीराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।
भोले बाबा का रूप निराला,
शिव शंकर का रूप निराला,
गले में नाग काला,
लहराए चले आए रे।।
Singer : Prakash Mali
