- – यह गीत बाबा भोलेनाथ (महाकाल) की भव्य सवारी और उनकी महिमा का वर्णन करता है।
- – दूर-दूर से भक्त बाबा के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं।
- – भक्तों में उत्साह और मस्ती का माहौल होता है, जिसमें रंग, गुलाल और संगीत की धूम रहती है।
- – सवारी में भगवान के साथ भूत-प्रेत, बजरंग बली, गणपति और हरसिद्धि माँ भी शामिल होते हैं।
- – यह गीत भक्तों की आस्था, भक्ति और बाबा के प्रति प्रेम को दर्शाता है।

बाबा की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखो आई रे,
भक्तो में मस्ती देखो छाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे।।
दूर दूर से यात्री आवे,
अर्जी अपनी लगावे,
अर्जी अपनी लगाकर वो तो,
मन चाहा फल पावे,
भोले ने बिगड़ी बनाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखों आई रे।।
कोई बजावे झांझ मंजीरा,
ताशा और मृदंग,
रंग गुलाल अबीर में देखो,
मच रही है हुड़दंग,
महिमा भोले की सबने गाई रे,
महाकाल की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखों आई रे।।
शाही सवारी में बाबा के संग,
भूत प्रेत सब आवे,
बजरंग भेरू गणपति के संग,
हरसिद्धि माँ आवे,
कांवड़ ये सबने चढ़ाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे,
महाकाल की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखों आई रे।।
बाबा की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखो आई रे,
भक्तो में मस्ती देखो छाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे।।
Singer – Shivay Agnihotri
8839323688
