- – भोलेनाथ (महाकाल) की कृपा से भक्त मस्ताना और दीवाना बन जाते हैं।
- – महाकाल अपने भक्तों को अनमोल उपहार देते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
- – जो भक्त महाकाल के होते हैं, उनके लिए मृत्यु भी भयभीत नहीं होती।
- – भोलेनाथ अपने भक्तों को अमृत समान आशीर्वाद देते हैं, जबकि स्वयं कष्ट सहते हैं।
- – भक्तों की भक्ति और श्रद्धा से महाकाल प्रसन्न होते हैं और उनकी झोली भर देते हैं।
- – यह भक्ति गीत भोलेनाथ की महिमा और भक्तों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

भोले ने जिसे चाहा,
मस्ताना बना डाला।
दोहा – व्याघंबरम भस्मामबरम,
जटा जूट लिबास,
आसान जमाए बैठे है,
कृपा सिंधु कैलाश।
भोले ने जिसे चाहा,
मस्ताना बना डाला,
एक मस्त नजर डाली,
मस्ताना बना डाला,
महाकाल ने भक्तो को,
दीवाना बना डाला।।
दोहा – अकाल मृत्यु वो मरे,
जो काम करे चांडाल का,
काल उसका क्या बिगाड़े,
जो भक्त हो महाकाल का।
भोलें ने जिसे चाहा,
दीवाना बना डाला,
एक मस्त नजर डाली,
मस्ताना बना डाला,
महाकाल ने भक्तो को,
दीवाना बना डाला।।
दोहा – भोले ने अपने भगतो को,
क्या कुछ नहीं दिया,
जो मांगा फल भक्तो ने,
प्रभु तुमने दान किया,
खुद पीते है जहर का प्याला,
मेरे भोले नाथ,
और भक्तो को अपने बाबा ने,
अमृत दान दिया।
भोलें ने जिसे चाहा,
दीवाना बना डाला,
एक मस्त नजर डाली,
मस्ताना बना डाला,
महाकाल ने भक्तो को,
दीवाना बना डाला।।
दोहा – एक बिलिपत्रम एक पुष्पम,
एक लोटा जल की धार,
दयालु रीझ कर देते है,
चंद्र मौली फल चार।
महाकाल के दर ‘अंकित’,
भक्तो की भीड़ लगी देखी,
हर एक की झोली,
बाबा के दर पर भरी देखी।
भोलें ने जिसे चाहा,
दीवाना बना डाला,
एक मस्त नजर डाली,
मस्ताना बना डाला,
महाकाल ने भक्तो को,
दीवाना बना डाला।।
Singer – Ankit Guru
