- – यह भजन एक भावपूर्ण अपील है जिसमें बोलने और संवाद स्थापित करने की गुजारिश की गई है।
- – गीत में “रुश्या बाबा” से उनकी आँखें खोलने और बात करने का आग्रह किया गया है।
- – भजन में भरोसा, आसरा और पुरानी दोस्ती की बात की गई है, जो रिश्तों की गहराई को दर्शाता है।
- – यह गीत प्रेम, समझदारी और मेलजोल की भावना को प्रोत्साहित करता है।
- – स्वर शुभम रूपम द्वारा प्रस्तुत इस भजन में भावनाओं की सच्चाई और अपनापन झलकता है।

बोलो तो सही,
बोलों तो सही,
क्यों रुश्या हो बाबा,
आंख्या खोलो तो सही,
बोलों तो सही,
बोलों तो सही।।
bolo to sahi bhajan lyrics
तर्ज – मैं ना भूलूंगा।
देखे – क्यों रूस के बैठ्यो है।
आसरो थारो है,
भरोसो थारो है,
जो कुछ भी म्हारो है,
वो सबकुछ थारो है,
ज्यादा कोनी मांगू देवो,
थोड़ो सो सही ,
क्यों रुश्या हो बाबा,
आंख्या खोलो तो सही,
बोलों तो सही,
बोलों तो सही।।
या अर्जी म्हारी है,
पर मर्जी थारी है,
थारे से सांवरिया,
पुरानी यारी है,
टाबरियां के कानी मुखड़ो,
मोड़ो तो सही,
क्यों रुश्या हो बाबा,
आंख्या खोलो तो सही,
बोलों तो सही,
बोलों तो सही।।
रूसकर सांवरिया,
कठे थे जावोला,
यो म्हाने बेरो है,
थे रह नहीं पाओला,
‘शुभम रूपम’ को रिश्तो,
थासे जोड़ो तो सही,
क्यों रुश्या हो बाबा,
आंख्या खोलो तो सही,
बोलों तो सही,
बोलों तो सही।।
बोलो तो सही,
बोलों तो सही,
क्यों रुश्या हो बाबा,
आंख्या खोलो तो सही,
बोलों तो सही,
बोलों तो सही।।
स्वर – शुभम रूपम।
