श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam)
श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं मुदाकरात्तमोदकं एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है जिसे आदि शंकराचार्य ने लिखा…
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Read Moreश्लोक 1: गलद्रक्तमुण्डावलीकण्ठमालामहोघोररावा सुदंष्ट्रा कराला। विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशीमहाकालकामाकुला कालिकेयम्॥ अनुवाद: गले में कटा हुआ रक्त…
Read Moreॐ अमिताभाषिणे नमः ।ॐ अघहराय नमः ।ॐ अशेषदुरितापहाय नमः ।ॐ अघोररूपाय नमः ।ॐ अतिदीर्घकायाय नमः…
Read More1. श्री विष्णु मूल मंत्र मंत्र: ॐ नमोः नारायणाय॥ विस्तार: यह मंत्र संपूर्ण ब्रह्मांड के…
Read Moreशान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक…
Read Moreप्रलय पयोधि-जले धृतवान् असि वेदम्विहित वहित्र-चरित्रम् अखेदम्केशव धृत-मीन-शरीर, जय जगदीश हरेक्षितिर् इह विपुलतरे तिष्ठति तव…
Read Moreजटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थलेगलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयंचकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥ जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरीविलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावकेकिशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम…
Read Moreत्र्यम्बकं यजामहे मंत्र, जिसे महामृत्युंजय मंत्र के रूप में भी जाना जाता है, एक प्राचीन…
Read Moreसोरठा –प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर…
Read More॥ अथ सप्तश्लोकी दुर्गा ॥ शिव उवाच: देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी ।कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायं ब्रूहि…
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