- – यह गीत माँ के दर्शन और उनके प्यार की प्राप्ति की भावना को व्यक्त करता है।
- – भक्तों का उत्साह और भक्ति भाव दर्शाते हुए, माँ के दरबार में जाने का बुलावा आया है।
- – गीत में माँ के चरणों में शीश झुकाने और उनके करम की महिमा का वर्णन है।
- – घंटियों की गूंज और दरबार के अद्भुत नजारों का उल्लेख किया गया है, जो भक्तों को मोहित कर देता है।
- – पूरे गीत में माँ के प्रति श्रद्धा, भक्ति और उनके प्यार की कामना प्रमुख है।
चलो बुलावा आ गया है,
पवन के झोंके से,
कर ले हम दीदार मैया का,
दिल के झरोखे से,
हमें दीदार मिल जाए,
मैया का प्यार मिल जाए।।
तर्ज – लाल दुपट्टा उड़ गया रे।
हम भी तेरे दरबार का,
अद्भुत नजारा देख ले,
मिलता है जिस पल दरस,
वह पल सुहाना देख ले,
जय कार तेरी हम करते हैं,
गुणगान तेरा मां गाते हैं,
मिलता है यह पल सभी को,
बड़े ही मौके से,
कर ले हम दीदार मैया का,
दिल के झरोखे से,
हमें दीदार मिल जाए,
मैया का प्यार मिल जाए।।
जिस पर हो तेरा करम,
दरबार वही आएगा,
तेरे चरणों में मैया जी,
शीश वो झुकाएगा,
महिमा तेरी हम ना जाने,
तेरे दरस की दीवाने,
भक्त तेरे रुकते नहीं हैं,
किसी के रोके से,
कर ले हम दीदार मैया का,
दिल के झरोखे से,
हमें दीदार मिल जाए,
मैया का प्यार मिल जाए।।
घंटियों की गूंज से,
सारा जहां गुंजित हुआ,
देख कर जलवा तेरा मां,
हर कोई मोहित हुआ,
महिमा तेरी हम ना जाने,
तेरे दरस की दीवाने,
भक्त तेरे रुकते नहीं है,
किसी के रोके से,
कर ले हम दीदार मैया का,
दिल के झरोखे से,
हमें दीदार मिल जाए,
मैया का प्यार मिल जाए।।
चलो बुलावा आ गया है,
पवन के झोंके से,
कर ले हम दीदार मैया का,
दिल के झरोखे से,
हमें दीदार मिल जाए,
मैया का प्यार मिल जाए।।
Added By –
Ashish Sondhi
08948323606
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