- – यह भजन चारभुजा रा नाथ (भगवान) की भक्ति और सेवा की भावना को व्यक्त करता है।
- – भजन में भगवान से निरंतर सेवा करने और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की गई है।
- – भगवान को भक्तों की पीड़ा हरने वाला, खुशियों का दाता और संकटों से उबारने वाला बताया गया है।
- – भजन में भगवान से दर्शन, कृपा और जीवन भर साथ देने की विनती की गई है।
- – यह गीत भक्तों के विश्वास और भगवान के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
- – गायक राजेन्द्र जैन “राजू” ने इस भजन को प्रस्तुत किया है।
चारभुजा रा नाथ थारी,
सेवा करा दिन रात,
चारभुजा रा नाथ,
थारी सेवा करा दिन रात,
मेरे सिर पे रख दो हाथ,
चारभुजा रा नाथ थारी,
सेवा करा दिन रात।।
तर्ज – एक तेरा साथ।
मेरी नजर के तुम,
मेरे श्याम जी राजा,
भक्ता की पीड़ हरे,
दरबार में जो भी,
आये तेरे बनके,
उनके सब काज करे,
खुशियों की दाता,
देते तुम सबको सौगात,
मेरे सिर पे रख दो हाथ,
चारभुजा रा नाथ थारि,
सेवा करा दिन रात।।
दर्शन देवो एक दिन,
आकर के भजनों में,
विनती हम रोज करे,
अंधे को आँखे दी,
निर्धन को धन देते,
चाकरियाँ मोज करे,
तेरे दर पे नाथ,
होती कृपा की बरसात,
मेरे सिर पे रख दो हाथ,
चारभुजा रा नाथ थारि,
सेवा करा दिन रात।।
जिसने भी ध्याया है,
उसने ही पाया है,
बड़े उपकार किये,
जिनकी भी कश्ती का,
तू है बना मांझी,
वो भव से तार दिया,
‘राजू’ का भी श्याम,
देना मरते दम तक साथ,
मेरे सिर पे रख दो हाथ,
चारभुजा रा नाथ थारि,
सेवा करा दिन रात।।
चारभुजा रा नाथ थारी,
सेवा करा दिन रात,
चारभुजा रा नाथ थारि,
सेवा करा दिन रात,
मेरे सिर पे रख दो हाथ,
चारभुजा रा नाथ थारी,
सेवा करा दिन रात।।
Singer : Rajender Jain “Raju”