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छठ पूजा: पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार in Hindi/Sanskrit

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहार ।
करिहा क्षमा छठी मईया,
भूल-चूक गलती हमार ।
सब के बलकवा के दिहा,
छठी मईया ममता-दुलार ।
पिया के सनईहा बनईहा,
मईया दिहा सुख-सार ।

नारियल-केरवा घोउदवा,
साजल नदिया किनार ।
सुनिहा अरज छठी मईया,
बढ़े कुल-परिवार ।

घाट सजेवली मनोहर,
मईया तोरा भगती अपार ।
लिहिएं अरग हे मईया,
दिहीं आशीष हजार ।

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहर ।
करिहा क्षमा छठी मईया,
भूल-चूक गलती हमार ।

Chhath Puja: Pahile Pahil Chhathi Maiya in English

Pahile pahil hum kaileeni,
Chhathi Maiya vrat tohaar.
Kariha kshama Chhathi Maiya,
Bhool-chook galti hamar.

Sab ke balakva ke diha,
Chhathi Maiya mamta-dular.
Piya ke sanaiha banaiha,
Maiya diha sukh-saar.

Nariyal-kerwa ghoudwa,
Sajal nadiya kinara.
Suniha arj Chhathi Maiya,
Badhe kul-pariwar.

Ghat sajevli manohar,
Maiya tora bhakti apar.
Lihiyein argh hey Maiya,
Dihi asheesh hazar.

Pahile pahil hum kaileeni,
Chhathi Maiya vrat tohaar.
Kariha kshama Chhathi Maiya,
Bhool-chook galti hamar.

छठ पूजा: पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार PDF Download

छठ पूजा: पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार का अर्थ

परिचय

छठ पूजा एक विशेष पर्व है जो भगवान सूर्य और छठी मईया की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और छठी मईया से परिवार की समृद्धि, बच्चों की दीर्घायु और समृद्धि की कामना करना है। प्रस्तुत भजन में छठ व्रती की भावनाओं को अभिव्यक्त किया गया है, जिसमें वे छठी मईया से क्षमा याचना करते हुए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।


पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार

पंक्ति का अर्थ

इस पंक्ति में व्रती (जो छठ पूजा कर रहा है) कहता है कि उसने पहली बार छठी मईया का व्रत रखा है। इस पंक्ति में एक नयी शुरुआत का संकेत मिलता है, जिसमें भक्त पूरी श्रद्धा से यह व्रत कर रहा है।

व्याख्या

यह पंक्ति नए व्रती के मनोभावों को दर्शाती है, जहां वह अपने पहले प्रयास में पूरी निष्ठा से व्रत का पालन कर रहा है और छठी मईया से इसके सफल होने की प्रार्थना कर रहा है।


करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार

पंक्ति का अर्थ

व्रती छठी मईया से प्रार्थना करता है कि यदि व्रत में किसी प्रकार की भूल या चूक हो गई हो, तो कृपया उसे क्षमा करें।

व्याख्या

यह विनम्रता और श्रद्धा का प्रतीक है, जहां व्रती अपनी सीमाओं और अज्ञानता को स्वीकार करते हुए ईश्वर से क्षमा मांगता है। यह दर्शाता है कि वह ईश्वर की उपासना में पूरी विनम्रता और सच्चाई से समर्पित है।


सब के बलकवा के दिहा, छठी मईया ममता-दुलार

पंक्ति का अर्थ

व्रती छठी मईया से सभी बच्चों को ममता और दुलार देने की कामना करता है।

व्याख्या

यह पंक्ति माँ के स्नेह और करुणा को दर्शाती है, जहां व्रती सभी बच्चों के लिए प्यार और देखभाल की कामना करता है। इसमें ममता की माँग है जो केवल एक माँ ही अपने बच्चों को दे सकती है।


पिया के सनईहा बनईहा, मईया दिहा सुख-सार

पंक्ति का अर्थ

व्रती छठी मईया से अपने पति (पिया) के साथ संबंध में सौहार्द, प्रेम, और समृद्धि की कामना करता है।

व्याख्या

यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास के रिश्ते की पुष्टि का प्रतीक है, जहां भक्त छठी मईया से एक सुखी और समृद्ध पारिवारिक जीवन की प्रार्थना करता है।


नारियल-केरवा घोउदवा, साजल नदिया किनार

पंक्ति का अर्थ

व्रती नारियल और केला (केरवा) लेकर नदी किनारे सजावट करता है, जो छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है।

व्याख्या

यह पंक्ति छठ पूजा की तैयारियों को दर्शाती है, जहां नदी के किनारे व्रती प्रसाद और अन्य सामग्री लेकर सजावट करता है। यह आस्था और भक्ति का प्रतीक है, जो व्रती के समर्पण को दर्शाता है।


सुनिहा अरज छठी मईया, बढ़े कुल-परिवार

पंक्ति का अर्थ

व्रती छठी मईया से परिवार की वृद्धि और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता है।

व्याख्या

यह पंक्ति परिवार में खुशियों और समृद्धि की बढ़ोतरी की कामना को दर्शाती है, जो कि एक व्रती का अपने परिवार के प्रति प्रेम और देखभाल का प्रतीक है।


घाट सजेवली मनोहर, मईया तोरा भगती अपार

पंक्ति का अर्थ

व्रती का कहना है कि उसने घाट को सुंदरता से सजाया है और उसकी छठी मईया के प्रति अपार भक्ति है।

व्याख्या

यह छठ पूजा के दौरान की गई सजावट और भक्ति की भावना का प्रतीक है। इसमें श्रद्धा और आस्था का प्रदर्शन है, जिसमें व्रती पूरे मन से छठी मईया की उपासना कर रहा है।


लिहिएं अरग हे मईया, दिहीं आशीष हजार

पंक्ति का अर्थ

व्रती छठी मईया से प्रार्थना करता है कि वे उसकी अर्घ्य स्वीकार करें और उसे हजारों आशीर्वाद दें।

व्याख्या

यह व्रती की पूरी भक्ति और श्रद्धा का प्रदर्शन है, जहां वह चाहता है कि छठी मईया उसकी पूजा और समर्पण को स्वीकार करें और उसे और उसके परिवार को आशीर्वाद दें।


पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार (दोहराव)

पंक्ति का अर्थ

व्रती एक बार फिर से अपनी भावना को दोहराता है कि उसने पहली बार छठी मईया का व्रत रखा है।

व्याख्या

इस दोहराव में यह संदेश छिपा है कि व्रती अपने व्रत में पूरी लगन और श्रद्धा से जुटा हुआ है। दोहराव के माध्यम से वह अपनी भक्ति को छठी मईया के सामने अधिक मजबूती से प्रस्तुत कर रहा है।


करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार (दोहराव)

पंक्ति का अर्थ

व्रती दोबारा छठी मईया से क्षमा मांगता है कि यदि कोई गलती हुई हो, तो उसे क्षमा करें।

व्याख्या

यह छठ पूजा की विनम्रता और क्षमा भाव को प्रकट करता है। इस दोहराव से व्रती की श्रद्धा और सच्चाई स्पष्ट होती है, जो दर्शाती है कि वह पूरी निष्ठा से यह व्रत कर रहा है।

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