- – गीत में कृष्णा के प्रति गहरा भक्ति और आस्था व्यक्त की गई है, जो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लेकर आता है।
- – “चौखट तोरण द्वार” का प्रतीकात्मक अर्थ है एक नई शुरुआत और आध्यात्मिक पारगमन।
- – कृष्णा की भक्ति से जीवन में रोज़ी-रोटी और परिवार की खुशहाली आती है।
- – सच्चे प्रेम और सेवा की प्राप्ति किस्मत से होती है, और कृष्णा की शरण में विपदाएँ दूर हो जाती हैं।
- – गीत में सुदामा और कृष्णा के मित्रता का उल्लेख है, जो भक्ति और विश्वास का उदाहरण है।
- – कृष्णा की भक्ति से मनुष्य को जीवन के सभी दुखों और परेशानियों से पार पाने की शक्ति मिलती है।

जबसे पार करी मैने,
चौखट वो तोरण द्वार की।
कृष्णा कृष्णा, कृष्णा कृष्णा,
जबसे बने तूने मुझे अपना,
कृष्णा कृष्णा, कृष्णा कृष्णा,
जबसे बने तूने मुझे अपना।
चलने लगी है रोज़ी रोटी,
खूब मेरे परिवार की,
जबसे पार करी मैने,
चौखट वो तोरण द्वार की,
जब से पार करी मैने,
वो चौखट तोरण द्वार की।।
सोचो क्या नही दे सकता जो,
शीश दे गया दान में,
दोनो लोक भी दे डाले थे,
बस दो मुट्ठी दान में,
लाज ये रखता सबकी जैसे,
लाज ये रखता सबकी जैसे,
रखी सुदामा यार की,
जबसे पार करी मैंने,
चौखट वो तोरण द्वार की।।
इनके भरोसे छोड़ दे सब फिर
इनकी ज़िम्मेदारी है
ढूँढे से भी नही मिलेगी,
विपदाएँ जो सारी हैं,
श्याम से जिनकी यारी है,
क्यूँ फिकर करे बेकार की,
जबसे पार करी मैंने,
चौखट वो तोरण द्वार की।।
कृष्णा कृष्णा, कृष्णा कृष्णा,
जबसे बने तूने मुझे अपना,
कृष्णा कृष्णा, कृष्णा कृष्णा,
जबसे बने तूने मुझे अपना।
हाथ पकड़ता है ये उनका,
जो दुनिया से हारे हैं,
कितने ही प्रेमी बाबा ने,
भव से पार उतारे हैं,
किस्मत से मिलती है सेवा,
किस्मत से मिलती है सेवा,
‘सोनी’ इस दरबार की,
जबसे पार करी मैने,
चौखट वो तोरण द्वार की।।
चलने लगी है रोज़ी रोटी,
खूब मेरे परिवार की,
जबसे पार करी मैने,
चौखट वो तोरण द्वार की,
जब से पार करी मैने,
वो चौखट तोरण द्वार की।।
Singer: Vikas Bagri
