- – यह गीत भगवान कृष्ण (खाटू वाले, मुरली वाले) की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है।
- – गीत में भक्त अपने जीवन की कठिनाइयों और दुखों के बीच भगवान से सहायता और खुशियाँ पाने की प्रार्थना करता है।
- – भक्त लगातार भगवान के द्वार पर खड़ा होकर उनकी महिमा और कृपा की पुकार लगाता है।
- – गीत में भगवान के विभिन्न रूपों जैसे मोहन, मुरली वाले, बंसी वाले, और लिले घोड़े वाले का उल्लेख है।
- – भक्त अपने समर्पण और पूजा की भावना को व्यक्त करता है, और भगवान से दुनिया के दुश्मनों से रक्षा की आशा करता है।
- – स्वर उमा जी लहरी द्वारा प्रस्तुत इस भजन में भक्ति और आत्मीयता की गहराई स्पष्ट रूप से झलकती है।

दरश दीवाने की,
सुन ले ओ बाबा पुकार,
ओ खाटू वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार,
मुरली वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार।।
तर्ज – राम तेरी गंगा मैली।
आजा ओ खाटू वाले,
ओ मोहन मुरली वाले,
आजा ओ बंसी वाले,
ओ लिले घोड़े वाले।।
वीराने सुने अंगना,
तू ही करे बहार,
तू ही गले से लगाये,
खुशियाँ दे दे बेशुमार,
हारे का साथ दे के,
जीवन संवारता,
हारे का साथ दे के,
जीवन संवारता,
रोते हुए को तू हँसाए,
तेरी महिमा अपार,
ओ खाटू वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार,
मुरली वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार।।
आजा ओ खाटू वाले,
ओ मोहन मुरली वाले,
आजा ओ बंसी वाले,
ओ लिले घोड़े वाले।।
दर को ना छोडूं चाहे,
निकले ये दम मेरा,
तेरे सिवा दुनिया में,
कोई ना आसरा,
गाती फिर भी हूँ मैं,
तेरे ही गीत रे,
छोटी हूँ ना मैं जानू,
पूजा की रीत रे,
मौन यूँ बैठा क्यों है,
थोडा पसीज रे,
‘लहरी’ पुकारे बाबा,
तू सुनले पुकार,
दुनिया में दुश्मनों की,
दुनिया में दुश्मनों की,
कोई कमी नही,
फिर भी ना तू सुने तो,
जाऊं मैं किसके द्वार,
ओ खाटू वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार,
मुरली वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार।।
दरश दीवाने की,
सुन ले ओ बाबा पुकार,
ओ खाटू वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार,
मुरली वाले,
कब से खड़ी मै तेरे द्वार।।
आजा ओ खाटू वाले,
ओ मोहन मुरली वाले,
आजा ओ बंसी वाले,
ओ लिले घोड़े वाले।।
स्वर – उमा जी लहरी।
