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दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का: भजन (Darshan Kar Lo Re Bhakto Mehandipur Dham Ka)

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दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,
डंका बाजे है यहाँ पे,
बाबा के नाम का,
दर्शन कर लो रे भक्तों,
मेहंदीपुर धाम का ॥

ये सच्चा दरबार यहाँ पे,
रहते बजरंग बाला,
अंजनी माँ के लाला,
प्रेतराज भैरो संग जी के,
भूतो का ये दीवाना,
जादू करे निराला,
चर्चा है भारी है जग में,
इनके तो काम का,
डंका बाजे है यहाँ पे,
बाबा के नाम का,
दर्शन कर लो रे भक्तों,
मेहंदीपुर धाम का ॥

इस मंदिर में आकर देखो,
मूरत राम सिया की,
मूरत राम सिया की,
बड़े ही मनभावन है भक्तो,
यहाँ पे इनकी झांकी,
सबके मन को भाति,
प्यारा नज़ारा यहाँ तो,
आठों ही याम का,
डंका बाजे है यहाँ पे,
बाबा के नाम का,
दर्शन कर लो रे भक्तों,
मेहंदीपुर धाम का ॥

ये है पंचमुखी हनुमाना,
शक्ति इनकी भारी,
ये शिव के अवतारी,
करके इनको नमन यहाँ पे,
लौटते है नर नारी,
इनकी महिमा न्यारी,
सारा ही खेल ये तो,
प्रभु श्री राम का,
डंका बाजे है यहाँ पे,
बाबा के नाम का,
दर्शन कर लो रे भक्तों,
मेहंदीपुर धाम का ॥

दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,
डंका बाजे है यहाँ पे,
बाबा के नाम का,
दर्शन कर लो रे भक्तों,
मेहंदीपुर धाम का ॥

दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का: भजन की गहन व्याख्या

भजन “दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का” एक ऐसा आध्यात्मिक संदेश है जो भक्तों को भगवान हनुमान जी की कृपा और उनकी दिव्यता के प्रति आकर्षित करता है। यह भजन मेहंदीपुर धाम के आध्यात्मिक वातावरण और हनुमान जी के अलौकिक चमत्कारों का वर्णन करता है। आइए, इस भजन की प्रत्येक पंक्ति के गहरे अर्थ को समझते हैं।


दर्शन कर लो रे भक्तों, मेहंदीपुर धाम का

यह पंक्ति भक्तों को पुकारती है और उन्हें प्रेरित करती है कि वे मेहंदीपुर धाम की यात्रा करें। “दर्शन कर लो” में एक भावनात्मक आग्रह छिपा है, जो भक्तों के भीतर भगवान के प्रति आस्था और समर्पण का भाव जगाता है। यहाँ “मेहंदीपुर धाम” केवल एक स्थान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जहाँ भक्तों को ईश्वर के दर्शन से आंतरिक शांति और समाधान प्राप्त होता है।

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इस पंक्ति में यह संदेश निहित है कि केवल दर्शन मात्र से ही भक्तों के पाप नष्ट हो सकते हैं, और उन्हें जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।


डंका बाजे है यहाँ पे, बाबा के नाम का

“डंका” यहाँ प्रतीकात्मक रूप से प्रयुक्त हुआ है, जो भगवान हनुमान जी की महिमा और उनकी व्यापक प्रसिद्धि को दर्शाता है। यह पंक्ति बताती है कि हनुमान जी की शक्ति और कृपा का गुणगान हर जगह किया जा रहा है। “बाबा के नाम का” कहकर भक्तों के लिए हनुमान जी के प्रति प्रेम और आदर प्रकट किया गया है।

यह पंक्ति यह भी संकेत करती है कि हनुमान जी की भक्ति केवल व्यक्तिगत समस्या का समाधान नहीं करती, बल्कि वह व्यक्ति को आत्मविश्वास, साहस और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। उनके नाम का “डंका” केवल भौतिक दुनिया में ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक संसार में भी गूँजता है।


ये सच्चा दरबार यहाँ पे, रहते बजरंग बाला

हनुमान जी का दरबार “सच्चा दरबार” इसलिए कहा गया है क्योंकि यह भक्तों की सच्ची प्रार्थना और निस्वार्थ भक्ति का फल देता है। “बजरंग बाला” हनुमान जी का एक नाम है, जो उनकी शक्तिशाली और वीरता भरे स्वरूप को दर्शाता है।

इस पंक्ति में हनुमान जी को केवल एक देवता नहीं, बल्कि भक्तों के संरक्षक और मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। “सच्चा दरबार” इस बात का प्रतीक है कि यहाँ हर व्यक्ति, चाहे वह कितना भी छोटा या बड़ा क्यों न हो, अपनी समस्याओं का समाधान पा सकता है।


अंजनी माँ के लाला, प्रेतराज भैरो संग जी के

हनुमान जी को “अंजनी माँ के लाला” कहकर उनके पारिवारिक और पौराणिक पहलू को उजागर किया गया है। यह उनके भक्तों के साथ उनके गहरे संबंध और उनके बाल रूप की मधुरता को दिखाता है।

“प्रेतराज भैरो संग जी के” का अर्थ यह है कि हनुमान जी के साथ प्रेतराज भैरव का भी सहयोग है, जो बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को नियंत्रित करने में सहायक हैं। इस पंक्ति में यह स्पष्ट किया गया है कि मेहंदीपुर धाम केवल भक्ति का स्थान नहीं, बल्कि नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति पाने का केंद्र भी है।


भूतो का ये दीवाना, जादू करे निराला

यहाँ “भूतों का दीवाना” कहने का अर्थ है कि हनुमान जी बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जाओं पर पूर्ण नियंत्रण रखते हैं। यह पंक्ति उनकी शक्ति और उनके “निराले जादू” का वर्णन करती है। “जादू” का यहाँ अर्थ उनकी अलौकिक शक्तियों से है, जो भक्तों की हर समस्या का समाधान कर सकती हैं।

इस पंक्ति में हनुमान जी को न केवल एक देवता, बल्कि एक ऐसे रक्षक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो अपने भक्तों को हर संकट से बचाने में सक्षम हैं।


इस मंदिर में आकर देखो, मूरत राम सिया की

इस पंक्ति में राम और सीता जी की मूर्ति का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। राम और सीता की मूर्ति को देखने मात्र से भक्तों को गहन शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।

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यह पंक्ति यह भी संकेत देती है कि हनुमान जी का भक्ति मार्ग राम और सीता जी की सेवा में समर्पित है। राम-सीता की मूर्ति उनके जीवन के केंद्र बिंदु को दिखाती है और भक्तों को यह संदेश देती है कि भगवान राम के आदर्शों को अपनाने से जीवन में हर कठिनाई का समाधान मिल सकता है।


बड़े ही मनभावन है भक्तो, यहाँ पे इनकी झांकी

झांकी का मतलब केवल मूर्ति या दृश्य से नहीं, बल्कि भक्तों को भगवान के जीवन और उनकी लीलाओं की झलक देने से है। यह पंक्ति दर्शाती है कि मेहंदीपुर धाम में हर झांकी एक प्रेरणा स्रोत है, जो भक्तों के दिलों को आनंद और भक्ति से भर देती है।

यह झांकी भक्तों के मन में भगवान की छवि को जीवंत कर देती है और उन्हें यह अहसास कराती है कि भगवान हर समय उनके साथ हैं। झांकी का सौंदर्य और दिव्यता भक्तों को ईश्वर के प्रति उनकी श्रद्धा को और गहरा करती है।


ये है पंचमुखी हनुमाना, शक्ति इनकी भारी

इस पंक्ति में हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप की महिमा का वर्णन किया गया है। पंचमुखी हनुमान जी उनके पाँच मुखों वाले दिव्य रूप का प्रतीक हैं, जो उनकी सर्वव्यापकता और अनेक शक्तियों को दर्शाता है। पाँच मुख निम्नलिखित हैं:

  1. हिरण्यगर्भ (पूर्व मुख): जो ज्ञान और शांति का प्रतीक है।
  2. नरसिंह (दक्षिण मुख): नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी आत्माओं का नाश करने वाला।
  3. गरुड़ (पश्चिम मुख): जीवन में बाधाओं को दूर कर स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करने वाला।
  4. वराह (उत्तर मुख): समृद्धि और स्थिरता का प्रतीक।
  5. हयग्रीव (ऊपर का मुख): आध्यात्मिक जागृति और ज्ञान का स्रोत।

गहरी व्याख्या

यह स्वरूप हनुमान जी की बहुआयामी शक्ति का प्रतीक है। पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को जीवन के हर पहलू में सुरक्षा, सफलता और शांति मिलती है। उनकी “शक्ति भारी” है, यानी वे हर बाधा को दूर करने और भक्तों को हर प्रकार की नकारात्मकता से बचाने में सक्षम हैं। यह पंक्ति यह सिखाती है कि हनुमान जी की उपासना से सभी समस्याएँ सुलझ सकती हैं, चाहे वे कितनी भी जटिल क्यों न हों।


ये शिव के अवतारी, करके इनको नमन यहाँ पे

हनुमान जी को शिव के अवतार के रूप में देखा जाता है। शिव से उनका गहरा संबंध उनकी शक्ति, तप और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक के रूप में प्रकट होता है। “करके इनको नमन” भक्तों को यह सिखाता है कि सच्चा सम्मान और विनम्रता ही भगवान की कृपा प्राप्त करने का मार्ग है।

गहरी व्याख्या

शिव का अवतार होने के नाते, हनुमान जी में भगवान शिव की सभी प्रमुख विशेषताएँ दिखाई देती हैं—आध्यात्मिक ज्ञान, असाधारण शक्ति और करुणा। भक्तों को यह पंक्ति यह संदेश देती है कि जब वे निष्ठा और श्रद्धा से हनुमान जी को नमन करते हैं, तो उन्हें शिव की कृपा और आशीर्वाद भी मिलता है।

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लौटते हैं नर नारी, इनकी महिमा न्यारी

यह पंक्ति इस तथ्य को दर्शाती है कि जो भी भक्त मेहंदीपुर धाम आते हैं, वे यहाँ से भगवान की कृपा का अनुभव करके लौटते हैं। “महिमा न्यारी” का अर्थ है कि हनुमान जी की महिमा इतनी अनोखी और चमत्कारी है कि हर भक्त उनके प्रति अपनी भक्ति को और गहरा अनुभव करता है।

गहरी व्याख्या

यहाँ “नर नारी” का उल्लेख यह दर्शाता है कि भगवान हनुमान जी के दरबार में भेदभाव की कोई जगह नहीं है। वे हर भक्त को समान रूप से आशीर्वाद देते हैं। उनकी कृपा भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति, मानसिक शांति और जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करती है।


सारा ही खेल ये तो, प्रभु श्री राम का

हनुमान जी की हर गतिविधि और चमत्कार प्रभु श्री राम के प्रति उनकी भक्ति का परिणाम हैं। यह पंक्ति यह स्पष्ट करती है कि हनुमान जी की शक्तियों का स्रोत उनकी निस्वार्थ भक्ति और राम के प्रति उनका असीम प्रेम है।

गहरी व्याख्या

“सारा खेल प्रभु श्री राम का” भक्तों को यह संदेश देता है कि जीवन में हर कार्य, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, प्रभु राम के हाथों में है। हनुमान जी की यह भक्ति सिखाती है कि जब हम अपने जीवन को ईश्वर के चरणों में समर्पित कर देते हैं, तो सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं। यह पंक्ति भक्तों को राम नाम का सहारा लेने और उनके मार्गदर्शन में चलने की प्रेरणा देती है।


आठों ही याम का

यहाँ “आठों याम” का अर्थ दिन-रात, हर समय से है। यह पंक्ति यह दर्शाती है कि मेहंदीपुर धाम में हर समय भगवान हनुमान जी की उपस्थिति महसूस की जा सकती है।

गहरी व्याख्या

दिन और रात के हर पहर में, भक्त यहाँ आकर भगवान के दर्शन कर सकते हैं और उनकी कृपा का अनुभव कर सकते हैं। यह बताता है कि भगवान हनुमान जी केवल मंदिर में स्थापित मूर्ति तक सीमित नहीं हैं; वे हर समय हर जगह अपने भक्तों के साथ रहते हैं। यह पंक्ति भक्तों को यह प्रेरणा देती है कि वे कभी भी भगवान की शरण ले सकते हैं और उनसे सहायता माँग सकते हैं।


समापन

इस भजन में भगवान हनुमान जी के मेहंदीपुर धाम की महिमा, उनकी शक्तियों और उनकी भक्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है। हर पंक्ति भक्तों को यह याद दिलाती है कि ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए सच्चे मन से उनकी शरण में जाना आवश्यक है।

भजन का उद्देश्य केवल हनुमान जी की महिमा का बखान करना नहीं, बल्कि भक्तों को उनकी शक्ति और भक्ति के महत्व को समझाना है। यह भक्तों को जीवन में आने वाली हर बाधा का सामना हनुमान जी की कृपा से करने का मार्ग दिखाता है।

हनुमान जी का संदेश स्पष्ट है—निस्वार्थ भक्ति, साहस, और प्रभु राम के प्रति समर्पण ही जीवन में सफलता और शांति का आधार है।

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