- – यह भजन भगवान गणेश (गजानन) की स्तुति और उनके चरणों में प्रणाम करने का भाव व्यक्त करता है।
- – भजन में भगवान गणेश की शक्ति, रूप, और उनके भक्तों के प्रति कृपा का वर्णन है।
- – भक्त गणेश से रिद्धि-सिद्धि, बुद्धि, और ज्ञान की प्राप्ति की प्रार्थना करता है।
- – भजन में भगवान से शीघ्र आगमन और उनके सम्मान की कामना की गई है।
- – गायक लख्खा जी ने इस भजन के माध्यम से भगवान गणेश के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण व्यक्त किया है।
दास तेरे है गजानन,
ध्यान धरते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।।
चार तेरी है भुजाये,
रूप मत वाला,
शिव सुवन गोरी के लाला,
भक्त रख वाला,
तेरी शक्ति का भी शिव,
मान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।।
रिद्धि सिद्धि लाभ और शुभ,
साथ में लाना,
दास का अनुरोध दाता,
भूल मत जाना,
तेरी महिमा का सदा,
गुण गाण करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।।
मेरे अंगना में पधारो,
है अरज मेरी,
गोरी नंदन जल्दी आओं,
ना करो देरी,
पुष्प चन्दन से तेरा,
सम्मान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।।
बुद्धि के दाता हमें भी,
ज्ञान दे जाओ,
अपनी भक्ति का हमें,
वरदान दे जाओ,
नित तेरे नाम का,
रस पान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।।
‘श्याम सुंदर’ दास तेरा,
इसको अपनाना,
हे गजानन ‘लख्खा’ भी,
तेरा है दीवाना,
कर दो बैडा पार,
क्यों हैरान करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।।
दास तेरे है गजानन,
ध्यान धरते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है,
तेरे चरणों में प्रभु,
प्रणाम करते है।।
Singer : Lakkha Ji