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- – कवि अपने गुरु की तस्वीर देखकर अत्यंत प्रसन्न और मग्न हो जाता है।
- – जीवन में सच्चे मित्र की कमी का अनुभव करते हुए, केवल गुरु ही सच्चा आधार और सहारा है।
- – गुरु के बिना जीवन में शांति और चैन नहीं मिलता, जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है।
- – गुरु के नाम और ज्ञान से ही मन को सुकून मिलता है और वह अपने गुरु की चरणों में समर्पित रहता है।
- – गुरु के ज्ञान और आशीर्वाद से जीवन में उजाला और मार्गदर्शन मिलता है।
- – यह कविता गुरु भक्ति और उनके महत्व को भावपूर्ण रूप से प्रस्तुत करती है।
देख तस्वीर साहेब की,
मगन मन हो गया मेरा।।
भटक कर देखा जग सारा,
मिला नही मित्र निज प्यारा,
चांद बीना बिलखत है तारा,
लगाया रात दिन हेरा।।
और मेरे दाय नही आवे,
आप बीना चेन नही पावे,
बीना जल मछली तडफावे,
मुझे आधार हैं तेरा।।
आपका नाम सुना काना,
फकीरी ले लिया बाना,
छोड़कर मुझ कर नही जाना,
रहूं गुरु चरणों का चेरा।।
पुरबला भाग सब जागा,
शब्द गुरु ज्ञान का लागा,
खींवा ले सतगुरु का सागा,
दिया गुरु चरणों में डेरा।।
देख तस्वीर साहेब की,
मगन मन हो गया मेरा।।
गायक – विनोद मेघवाल हनुमानपुरा।
8094953386
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