- – लखन की स्थिति देखकर श्री राम और उनके साथी अंगद, सुग्रीव, जामवंत और बलवान सभी रो पड़े।
- – लंका विजय की इच्छा और धनुष उठाने की ताकत लखन में समाप्त हो गई थी, जिससे श्री राम भी अत्यंत दुखी हुए।
- – श्री राम ने लखन की हालत देखकर अयोध्या लौटने के बारे में चिंता जताई और वे भावुक होकर विलाप करने लगे।
- – सुग्रीव, जामवंत और अंगद ने लखन की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की आहुति देने की बात कही।
- – हनुमान ने जामवंत की मदद से जल्दी से बूटी लेकर आए और भगवान श्री राम ने उन्हें गले लगाकर सांत्वना दी।
- – पूरे युद्ध और संकट के बीच लखन की हालत ने सभी योद्धाओं और भगवान श्री राम को गहरे भावुक कर दिया।

देखा लखन का हाल तो, श्री राम रो पड़े,
अंगद सुग्रीव जामवंत, बलवान रो पड़े,
देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े॥॥
लंका विजय की अब मुझे चाहत नही रही,
मुझमें धनुष उठाने की ताकत नही रही,
रघुवर के साथ धरती-आसमान रो पड़े,
देखा लखन काहाल तो श्री राम रो पड़े॥॥
करने लगे विलाप श्री राम फूटकर,
क्या मे जवाब दूँगा अयोध्या मे लौटकर,
जितने थे मन मे राम के अरमान रो पड़े,
देखा लखन क हाल तो श्री राम रो पड़े॥॥
सुग्रीव जामवंत सुनो ए अंगद बलवान,
लक्ष्मण नही बचा तो त्यज दूँगा मे भी प्राण,
धरती पे पड़ा जो धनुष बाण रो पड़े,
देखा लखनका हाल तो श्री राम रो पड़े॥॥
देखा जो जामवंत ने तो हनुमान उड़ गये,
सूर्योदय से पहले ही बूटी ले मुड़ गये,
गले लगा हनुमान को भगवान रो पड़े,
देखा लखन का हाल तों श्री राम रो पड़े॥॥
देखा लखन का हाल तो, श्री राम रो पड़े,
अंगद सुग्रीव जामवंत, बलवान रो पड़े,
देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े॥॥
