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- – सतगुरु के प्रति गहरा प्रेम और समर्पण व्यक्त किया गया है।
- – सतगुरु के नाम का प्याला पीने के बाद जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
- – सतगुरु के हाथ थामने से व्यक्ति प्रभु का बना और जीवन में नई दिशा मिली।
- – सतगुरु के चरणों की धूलि से जीवन की तकदीर बदल गई और जीवन सवार गया।
- – निरंतर सतगुरु के दर को नहीं छोड़ने का दृढ़ संकल्प जताया गया है।

दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है।।
जिस दिन से पी लिया है,
तेरे नाम का यह प्याला,
मुझको खबर नहीं है,
मेरा दिल किधर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है।।
तूने हाथ जिसका थामा,
बंदा बना प्रभु का,
हुई नज़र जिस पे तेरी,
समझो के तर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है।।
तेरी चरण धूलि जब से,
मस्तक को छू गयी है,
मेरी तकदीर बदल गयी है,
जीवन सवार गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है।।
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है।।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
