- – गीत में हरि नाम (भगवान का नाम) को पीने की प्रेरणा दी गई है, जो जीवन की कठिनाइयों को सहने में मदद करता है।
- – हरि नाम को पीने से जीवन मीठा और सुखमय बन जाता है, जबकि कड़वा अनुभव नहीं सहना पड़ता।
- – गीत में बताया गया है कि हरि नाम से व्यक्ति की निराशा दूर होती है और वह धन्य हो जाता है।
- – कई भक्तों जैसे ध्रुव, प्रहलाद, रैदास और कबीर ने भी हरि नाम का सेवन किया और इससे मुक्ति पाई।
- – यह गीत जीवन की अनिश्चितताओं और दुखों के बीच भगवान के नाम में शांति और संतोष पाने का संदेश देता है।
दीवाने पी ले रे हरी नाम,
थारी कोड़ी लगे न च दाम रे,
थारी उमर बीती जाए रे,
दीवाने पी ले रे हरी नाम,
दीवाने पी ले रे हरी नाम।।
मीठा मीठा सब कोई पीवे,
कड़वा ना पीवे कोई,
मीठा मीठा सब कोई पीवे,
कड़वा ना पीवे कोई,
जो नर रे कड़वा पीवे रे,
धड़ पे शीश न होई,
दीवाने पी ले रे हरि नाम,
दीवाने पी ले रे हरी नाम।।
उजड़ खेड़ा फेर बसे रे,
निरधनियाँ धन होए,
उजड़ खेड़ा फेर बसे रे,
निरधनियाँ धन होए,
गया जो जोवन बावरा रे,
गया जो जोवन बावरा रे,
मरया ना जिन्दा होए,
दीवाने पी ले रे हरि नाम,
दीवाने पी ले रे हरी नाम।।
ध्रुव ने पीया प्रहलाद पीया,
पीया भगत रैदास,
ध्रुव ने पीया प्रहलाद पीया,
पीया भगत रैदास,
दास कबीरा ऐसा पीया,
दास कबीरा ऐसा पीया,
और ना पीवे कोई,
दीवाने पी ले रे हरि नाम,
दीवाने पी ले रे हरी नाम।।
थारी कोड़ी लगे न च दाम रे,
थारी उमर बीती जाए रे,
दीवाने पी ले रे हरी नाम,
दीवाने पी ले रे हरी नाम।।
Singer : Didi Maa Sadhvi Ritambhara Ji