- – कविता में आंसुओं को “दो बूंद का खजाना” बताया गया है, जो भावनाओं और ताकत का प्रतीक हैं।
- – आंसू किसी भी कठिन परिस्थिति को हल्का कर सकते हैं और सारी आफतें मिटा सकते हैं।
- – खाटू, जो कि भगवान श्याम का पवित्र स्थल है, आंसुओं को समर्पित करने की बात कही गई है।
- – आंसू इतिहास की गवाही देते हैं और रिश्तों की मजबूती व श्रद्धा को दर्शाते हैं।
- – कविता में भगवान श्याम और उनके भक्तों के बीच गहरे भावनात्मक संबंध को उजागर किया गया है।
- – यह रचना श्याम भक्तों के प्रेम और भक्ति भाव को व्यक्त करती है, जिसे संजय मित्तल ने स्वरबद्ध किया है।

दो बून्द का खजाना,
खाटू में लेके जाना,
खाटू में लेके जाना।।
तर्ज – तेरे से ना छिपे है हालात।
इनको ना हल्का समझो,
सबसे बड़ी यह ताकत,
इनकी नज़र पड़े तो,
मिट जाये सारी आफत,
कुछ ना पड़े बताना,
खाटू में लेके जाना,
खाटू में लेके जाना,
दो बूँद का खज़ाना,
खाटू में लेके जाना।bd।
इतिहास दे रहा है,
आंसू की हर गवाही,
कही यारी को निभाई,
कही साड़ी को बढ़ाई,
चरणों में बस चढ़ाना,
खाटू में लेके जाना,
खाटू में लेके जाना,
दो बूँद का खज़ाना,
खाटू में लेके जाना।bd।
इतने बड़े ये योद्धा,
आंसू से हार जाते,
कहता है ‘श्याम’ आंसू,
बाबा से है मिलाते,
बस भाव हो पुराना,
खाटू में लेके जाना,
खाटू में लेके जाना,
दो बूँद का खज़ाना,
खाटू में लेके जाना।bd।
दो बून्द का खजाना,
खाटू में लेके जाना,
खाटू में लेके जाना।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
प्रेषक – श्याम के प्रेमी।
समस्त श्याम सखा परिवार जालंधर।
