- – यह गीत भगवान गणपति के स्वागत और आराधना का भाव व्यक्त करता है, जो दुखों को हरने और सुख देने वाले हैं।
- – गणपति को विघ्न विनाशक, अष्टविनायक, भाग्य विधाता, गौरी नंदन और मंगल मूरत के रूप में पुकारा गया है।
- – गीत में गणपति से मोदक, खुशियां, सिद्धि, ऋद्धि और दया की कामना की गई है।
- – बार-बार गणपति से आने और साथ रहने की प्रार्थना की गई है ताकि वे भक्तों के दुख दूर करें और सुख प्रदान करें।
- – यह गीत भक्तों के मन में भगवान गणपति के प्रति श्रद्धा, भक्ति और विश्वास को प्रबल करता है।

दुखहर्ता बनके,
सुखकर्ता बनके,
चले आना,
गणपति चले आना।।
तर्ज – कभी राम बनके।
तुम विघ्न विनाशक आना,
तुम विघ्न विनाशक आना,
इक्छा पूरी करो,
हाथ सर पे धरो,
चले आना,
गणपति चले आना,
दुख हर्ता बनके,
सुखकर्ता बनके,
चले आना,
गणपति चले आना।।
तुम अष्टविनायक आना,
तुम अष्टविनायक आना,
मोदक हाथ लेके,
खुशियां साथ लेके,
चले आना,
गणपति चले आना,
दुख हर्ता बनके,
सुखकर्ता बनके,
चले आना,
गणपति चले आना।।
तुम भाग्य विधाता आना,
तुम भाग्य विधाता आना,
रिद्धि साथ लेके,
सिद्धि साथ लेके,
चले आना,
गणपति चले आना,
दुख हर्ता बनके,
सुखकर्ता बनके,
चले आना,
गणपति चले आना।।
तुम गौरी नन्दन आना,
तुम गौरी नन्दन आना,
वर्षा दया की करो,
दुःख सबके हरो,
चले आना,
गणपति चले आना,
दुखहर्ता बनके,
सुखकर्ता बनके,
चले आना,
गणपति चले आना।।
तुम मंगल मूरत आना,
तुम मंगल मूरत आना,
आस तोड़े नहीं,
साथ छोड़ो नहीं,
चले आना,
गणपति चले आना,
दुखहर्ता बनके,
सुखकर्ता बनके,
चले आना,
गणपति चले आना।।
