- – यह गीत भगवान शिव (भोलेनाथ) के विवाह और बारात की सुंदरता का वर्णन करता है।
- – गीत में भोलेनाथ को दूल्हा बताया गया है, जो गौरा (पार्वती) के द्वारे बारात लेकर आ रहे हैं।
- – भोलेनाथ के श्रृंगार और उनकी जटाओं का सेहरा, गणों का पहरा और नंदी पर सवार होना दर्शाया गया है।
- – बारात के विदा होने पर गौरा को माँ समझाकर सुखी जीवन की शुभकामनाएं दी जाती हैं।
- – गीत में शिव-पार्वती के पवित्र और अमर सुहाग की जोड़ी की महिमा का बखान है।
- – यह भक्ति गीत शिव विवाह की खुशी और भक्ति भाव को प्रकट करता है, जिसे कनिष्का नेगी ने गाया है।
दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे,
इस दूल्हे पे जग है दीवाना, दीवाना,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे।।
तर्ज – तेरे होंठो के दो फूल प्यारे।
ना है रत्न आभूषण तन पे,
बलिहारी जाऊं भोलेपन पे,
चमके माथे पर चंदा,
आए शुभ दिन ये शिव की लगन के,
डाले सर्पो के हार,
कैसा अजब श्रृंगार,
ऐसा बन्ना किसी ने देखा ना, देखा ना,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे।।
लम्बी लम्बी जटाओ का सेहरा,
कैसा प्यारा विवाह का नजारा,
ध्वनि शंख नाद ही गूंजे,
संग चले गणो का पहरा,
होके नंदी पे सवार,
चले हिमाचल के द्वार,
हुआ रोशन ये तब ही जग सारा,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे।।
चले होके विदा जो बाराती,
गौरा को माँ समझाती,
जा बेटी सुखी तू रहना,
रहे अमर सुहाग की जोड़ी,
है बाराती बेशुमार,
दिए सबको उपहार,
झूमे गण सारे पाके नजराना,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे।।
दूल्हा बने भोलेनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे,
इस दूल्हे पे जग है दीवाना, दीवाना,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे,
चली बारात गौरा जी के द्वारे।।
Singer – Kanishka Negi
https://youtu.be/Zg-7uj0OqkY
