- – यह कविता एक प्रेमी की भावनाओं और उसके प्रेम के प्रति श्याम से सवालों को दर्शाती है।
- – प्रेमी अपनी गहराई से प्रेम जताता है और चाहता है कि श्याम भी अपने प्रेम का इजहार करे।
- – कविता में प्रेमी की बेचैनी, इंतजार और आशंका साफ झलकती है कि क्या श्याम को भी उससे प्रेम है या नहीं।
- – प्रेमी चाहता है कि उनका रिश्ता खास और अलग हो, जिसे पूरी दुनिया देख सके।
- – बार-बार प्रेमी श्याम से संवाद की उम्मीद करता है और चुप्पी तोड़ने की गुहार लगाता है।
- – सपनों और हकीकत के बीच प्रेमी की उलझन और भावनात्मक संघर्ष कविता में प्रमुख हैं।
एक सवाल है इस प्रेमी का,
तू बता दे श्याम मुझसे,
प्रेम तुझको है की नहीं।।
तर्ज – तुमसे बढ़कर दुनिया में ना।
हम तो है तेरे दीवाने,
दुनिया से हो गए बेगाने,
हम तो है तेरे दीवाने,
दुनिया से हो गए बेगाने,
तेरे सपने दिल में लगे सजाने,
हम तो है तेरे दीवाने,
फिर भी तेरी प्रीत न दिखती,
तू बता दे श्याम मुझसे,
प्रेम तुझको है की नहीं।
इक सवाल है इस प्रेमी का
तू बता दे श्याम मुझसे
प्रेम तुझको है की नहीं।।
चाहत है हटकर हमारी,
तेरी और मेरी हो यारी,
चाहत है हटकर हमारी,
तेरी और मेरी हो यारी,
देखे जलवा फिर ये दुनिया सारी,
चाहत है हटकर हमारी,
रिश्ता ये मंजूर नहीं क्या,
तू बता दे श्याम मुझसे,
प्रेम तुझको है की नहीं।
इक सवाल है इस प्रेमी का
तू बता दे श्याम मुझसे
प्रेम तुझको है की नहीं।।
कब तक चुप बैठोगे बोलो,
थक न जाए हम कुछ बोलो,
कब तक चुप बैठोगे बोलो,
थक न जाए हम कुछ बोलो,
अब तो अपनी शरण में ले लो,
कब तक चुप बैठोगे बोलो,
हम को कब तक परखोगे तुम
तू बता दे श्याम मुझसे
प्रेम तुझको है की नहीं।
इक सवाल है इस प्रेमी का
तू बता दे श्याम मुझसे
प्रेम तुझको है की नहीं।।
सपनो में मेरे तुम आते,
आकर फिर तुम मुस्कुराते,
सपनो में मेरे तुम आते,
आकर फिर तुम मुस्कुराते,
सामने होता हूँ तब क्यों सताते,
सपनो में मेरे तुम आते,
मिलता है क्या दिल को जलाकर,
तू बता दे श्याम मुझसे,
प्रेम तुझको है की नहीं।
एक सवाल है इस प्रेमी का
तू बता दे श्याम मुझसे
प्रेम तुझको है की नहीं।।
स्वर – संजय मित्तल जी।