- – यह गीत श्री देवनारायण भगवान की महिमा और भक्ति पर आधारित है, जिसमें फुलड़ा पर्वत और नारायण साढू का उल्लेख है।
- – गीत में भक्तों की भक्ति, नृत्य और उत्सव की भावना प्रकट होती है, जैसे “अब में नाचूँ दे ताली, बनजाउ मीरा मतवाली”।
- – देवधनी सिरमौर और भगता की भक्ति की महिमा का वर्णन किया गया है, जो कलयुग में भी प्रभावशाली है।
- – गुजरिया और सखियों के माध्यम से सामाजिक और धार्मिक आह्वान का संकेत मिलता है।
- – गीत में नारायण भगवान को बुलाने और उनकी पूजा-अर्चना का आग्रह किया गया है।
- – यह गीत रामकुमार मालुनि द्वारा गाया गया है और सिंगर राज पांचाल द्वारा प्रेषित है।
फुलड़ा परबत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।
खटानी भाग थारा जाग्या,
नारायण गोदया में आज्ञा,
गोदया में आज्ञा ये थारी,
गोदया में आज्ञा,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।
बाटा बरसा तक नाली,
आयो मारा बागा को माली,
अब में नाचूँ दे ताली,
बनजाउ मीरा मतवाली,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।
चाली सेर डुंगरिया गढ़,
गोटा की गुजरिया,
मंगला गावो ये सखिया,
लाड़ लड़ाओ ये सखियां,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।
मारा देवधनी सिरमौर थे,
भगता की राखो जोड़,
मारा देवधनी सिरमौर,
महिमा ई कलयुग में जोर,
भगत की बिगड़ी बनवावे,
महिमा पांचाल रे गावे,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।
(गुजरिया देवनारायण भगवान ने किन प्रकार बुलावे)
अरे अब तो आजा रे नारायण,
तू तो लेर गुडलो,
ओ थाने गुजरिया बुलावे,
ओ बजार चुड़लो।
ऐ मारा देमालिया का,
चोक में सर्प कालो,
अरे मन की कहदे रे,
नारायण काई मालो,
अरे में तो जोत रे जलाऊ,
डालू घी को प्यालो,
ओ थाने गुजरिया बुलावे,
ओ बजार चुड़लो।
– श्री देवनारायण भगवान की –
गायक – रामकुमार मालुनि।
प्रेषक – सिंगर राज पांचाल
9950916269