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- – यह भजन भगवान गणेश की स्तुति में लिखा गया है, जिसमें उन्हें विघ्न विनाशक और प्रथम पूज्य बताया गया है।
- – भजन में भगवान गणेश से विनती की गई है कि वे भक्तों की लाज और सम्मान की रक्षा करें।
- – भजन में गणेश जी को मोदक भोग चढ़ाने, मंगल दीप जलाने और आरती करने का वर्णन है।
- – भगवान गणेश के माता-पिता महादेव (शिव) और पार्वती का भी उल्लेख है, जो उनकी महिमा को बढ़ाता है।
- – भजन में गणेश जी को रिद्धि-सिद्धि का दाता और जग के उपकारी के रूप में पूजा जाता है।
- – यह भजन श्री गौरव कृष्ण जी गोस्वामी द्वारा स्वरबद्ध है और शिवकुमार शर्मा द्वारा प्रेषित है।

गजानन राखो लाज हमारी,
पिता तुम्हारे महादेव है,
और पारवती महतारी,
गजानन राखो लाज हमारी।।
सबसे पहले तुम्हे बुलाए,
आओ गजानन आओ,
विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य तुम,
बाधा विघ्न मिटाओ,
आज वंदना करते है हम,
हे जग के उपकारी,
गजानन राखों लाज हमारी।।
मंगल दीप जलाकर तुमको,
मोदक भोग लगाए,
और आरती करे तुम्हारी,
कंचल थाल सजाए,
रिद्धि सिद्धियां चवर ढुरावे,
और पूजा करे तुम्हारी,
गजानन राखों लाज हमारी।।
गजानन राखो लाज हमारी,
पिता तुम्हारे महादेव है,
और पारवती महतारी,
गजानन राखो लाज हमारी।।
स्वर – श्री गौरव कृष्ण जी गोस्वामी।
प्रेषक – शिवकुमार शर्मा
9926347650
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