- – गीत में गंगा मैया की महिमा और उसकी पवित्रता का वर्णन है, जो जीवन का आधार मानी गई है।
- – गंगा के पानी के बने रहने तक प्रेम और जीवन की निरंतरता की कामना की गई है।
- – जीवन की नैया (जीवन यात्रा) गंगा मैया के हाथों में सौंपने का भाव व्यक्त किया गया है।
- – गीत में आग और अग्नि के फेरे लगाकर बीते दिनों की यादों को समर्पित करने की बात कही गई है।
- – नारीत्व और त्याग का प्रतीक सीता का उल्लेख करते हुए जीवन के राम की भक्ति व्यक्त की गई है।
- – समग्र रूप से यह गीत श्रद्धा, भक्ति और जीवन के प्रति गंगा मैया के महत्व को दर्शाता है।

मैया ओ गंगा मैया,
ओ गंगा मैया में,
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,
ज़िंदगानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया।।
मेरे जीवन की ओ रे खिवैया,
तेरे हाथों में है मेरी नैया,
दुनिया कुछ भी कहे,
भले कहती रहे,
मेरी पूजा तेरी ही दीवानी रहे,
दीवानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया।।
आग अगनी के फेरे लगा कर,
याद बीते दीनो की जलाकर,
आई में तेरे द्वार,
लिए मन का संसार,
मेरे होंटो पे तेरी कहानी रहे,
कहानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया।।
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,
ज़िंदगानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया।।
छुपी नारी के मन मैं वो सीता,
जिसका जीवन अंगरो पे बिता,
मेरे जीवन के राम,
मेरे माथे पे तेरी निशानी रहे,
निशानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया।।
गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,
ज़िंदगानी रहे,
मैया ओ गंगा मैया।।
