- – यह गीत राजस्थान की पारंपरिक लोक संस्कृति और घोड़े की चाल की महत्ता को दर्शाता है।
- – गीत में विभिन्न स्थानों जैसे मसूरिया, अमरकोट, ओशिया, पोकरण, पूंगलगढ़ और रुणिचा का उल्लेख है, जहाँ घोड़ों की चाल देखी गई।
- – “रुणिचे वाला” और “अजमल रा लाला” जैसे स्थानीय पात्रों का जिक्र गीत को स्थानीय रंग और पहचान देता है।
- – गीत में घोड़ों की ताकत और उनकी चाल को जोरदार और प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया गया है।
- – यह गीत राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत और लोक संगीत की जीवंतता को दर्शाता है।
- – गायक ट्विंकल वैष्णव द्वारा प्रस्तुत यह गीत पारंपरिक लोक संगीत की एक सुंदर प्रस्तुति है।

घोड़ो जोर को घुमायो रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
घोड़लिये री चाल बाबा,
मसूरिया में देखी,
हो मेलो बीज को भरायो रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
घोड़लिये री चाल बाबा,
अमरकोट में देखी,
हो रानी नेतल ने ले आया रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
घोड़लिये री चाल बाबा,
ओशिया में देखि,
हो भाटी हरजी ने सजायो रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
घोड़लिये री चाल बाबा,
पोकरण में देखी,
हो भेरू मार ने भगायो रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
घोड़लिये री चाल बाबा,
पूंगलगढ़ में देखी,
हो बाई सुगना ने ले आया रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
घोड़लिये री चाल बाबा,
रुणिचा में देखी,
हो दर्शन भगता ने दे दिज्यो रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
घोड़ो जोर को घुमायो रे,
रुणिचे वाला,
रुणिचे वाला रे,
अजमल रा लाला,
घोडो जोर को घुमायों रे,
रुणिचे वाला।।
Singer – Twinkle Vaishnav
