- – यह भजन बाबा के प्रति भक्तिभाव और प्रेम को दर्शाता है, जिसमें भक्त अपने सावर (घोड़े) को मोड़कर बाबा की ओर आने का आग्रह करता है।
- – भजन में बाबा के प्रेम और आशीर्वाद की महत्ता को बताया गया है, जो भक्तों को सही मार्ग पर ले जाता है।
- – भक्त बाबा से अपनी मनोकामनाओं और समस्याओं के समाधान की प्रार्थना करता है, और बाबा की ओर से सहायता की उम्मीद करता है।
- – यह भजन बाबा के प्रति अटूट विश्वास और प्रेम के बंधन को उजागर करता है, जो जीवन में शक्ति और सहारा प्रदान करता है।
- – गीत में बाबा को स्नेहपूर्वक बुलाने और उनके चरणों में समर्पण की भावना व्यक्त की गई है।
- – भजन के माध्यम से भक्तों को बाबा के प्रति अपनी आस्था और भक्ति को मजबूत करने का संदेश दिया गया है।
घुड़लो मोड़ दो सावरियाँ,
थारो भगता री ओर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा,
आवो म्हारी ओर।।
खेचलो नकेल थारे,
घोड़ले री सावराँ,
कोई ढीला छोड्या थाने,
लेजासी कथे ओर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा,
आवो म्हारी ओर।।
म्हे कद स्यू अरजी किन्ही,
थे नही सुन्या सावराँ,
कोई अरजी पढ़के बाबा,
करल्यो थोरो गोर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा,
आवो म्हारी ओर।।
बैठ दूरी पर बाबा,
म्हे थारी बाट उड़िका हा,
म्हारे घरा कैया आवण,
बाबा लागे थाने जोर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा,
आवो म्हारी ओर।।
सभी केवे यो प्रेमरो नातो,
बाबा थे मत तोरो ना,
कोई प्रीत रे बंधनरी,
बाबा कसके पकड़ो डोर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा,
आवो म्हारी ओर।।
घुड़लो मोड़ दो सावरियाँ,
थारो भगता री ओर,
थारा टाबरिया बुलावे बाबा,
आवो म्हारी ओर।।
भजन प्रेषक एवं गायक
रोहित कुमार शर्मा
08399991281
https://youtu.be/WYMdPmFqjKo
