धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें
Join Now
- – यह गीत प्रेम और शरम के भावों को दर्शाता है, जिसमें प्रेमिका अपने प्रेमी सांवरिया से नैण (आँखें) मिलाने की विनती करती है।
- – गीत में घुंघटी (घूंघट) का उल्लेख है, जो पारंपरिक भारतीय संस्कृति में महिलाओं की शालीनता और सौंदर्य का प्रतीक है।
- – प्रेमिका अपने गजरे (फूलों की माला) और काली टिकी के माध्यम से अपनी सुंदरता और आकर्षण को व्यक्त करती है।
- – गीत में नैण मिलाने का आग्रह प्रेम की नज़ाकत और भावुकता को दर्शाता है, साथ ही शरम और संकोच की भी झलक मिलती है।
- – यह लोकगीत या पारंपरिक शैली में गाया गया गीत है, जो ग्रामीण या सांस्कृतिक परिवेश की भावनाओं को उजागर करता है।

घुंघटीयो झीणो झीणो,
घुंघटीयों झीणों झीणों,
सांवरिया नैण मिला ले रे,
घुंघटीयों झीणों झीणों।।
सोणा सोणा गजरा लागे,
गिणवा द्यूँ नाके नाके,
बस काली टिकी लगा ले रे,
घुंघटीयों झीणों झीणों।।
तू मत ना नैण झुकावे,
क्यों मेरे से शरमावे,
थोड़ा सा नैण उठा ले रे,
घुंघटीयों झीणों झीणों।।
मेरे से नैण मिलावे,
ये पोल पड़ी हट जावे,
तेरे नैणा ने समझा ले रे,
घुंघटीयों झीणों झीणों।।
बिन नैण मिलाया ना जाऊं,
अब काढ़ अठे ही गिराऊँ,
बनवारी यूँ मत टाले रे,
घुंघटीयों झीणों झीणों।।
घुंघटीयो झीणो झीणो,
घुंघटीयों झीणों झीणों,
सांवरिया नैण मिला ले रे,
घुंघटीयों झीणों झीणों।।
गायक – गणेश चौरसिया।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
